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मणिपुर : केंद्रीय मंत्री आरके रंजन सिंह के मकान में तोड़फोड़; गोदाम जलाया

जातीय हिंसा से जूझ रहे मणिपुर की राजधानी इंफाल में शुक्रवार को दंगाई भीड़ ने त्वरित कार्रवाई बल (आरएएफ) के साथ झड़प की, रास्तों पर आग जलाकर उन्हें अवरूद्ध किया और संपत्तियों में आगजनी की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अन्य संपत्तियों के साथ-साथ केन्द्रीय मंत्री आरके रंजन सिंह के मकान पर हमला कर तोड़फोड़ की गई और उसे जलाने का प्रयास किया गया। वहीं, शाही महल के पास स्थित आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले एक सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी के गोदाम को जला दिया गया है।
सुरक्षा बलों और दमकल कर्मियों ने भीड़ की आग लगाने की कोशिश बृहस्पतिवार रात नाकाम कर दी और मंत्री के मकान को जलने से बचा लिया।
अधिकारियों ने बताया कि इंफाल में एक पुराने गोदाम को आग के हवाले किये जाने के बाद शुक्रवार शाम एक दंगाई भीड़ की मणिपुर के त्वरित कार्रवाई बल (आरएएफ) के साथ फिर से झड़प हुई हैं। वहीं एक समूह ने वांगखेई, प्रोम्पैट और थांगपैट में सड़कों के बीचोंबीच टायर और लड़की के लट्ठे जलाए जिससे इंफाल में यातायात प्रभावित हुआ।

देर शाम में आरएएफ ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
इंफाल पूर्व में शुक्रवार तड़के गोलीबारी की आवाज सुनी गई। सुरक्षा बलों ने बुधवार को नौ आम नागरिकों की मौत का विरोध कर रहे नाराज स्थानीय लोगों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के कई गोले छोड़े और छद्म बम का इस्तेमाल किया।
यह घटनाक्रम बृहस्पतिवार की दोपहर इंफाल शहर में भीड़ द्वारा दो मकानों को आग लगाए जाने और आरएएफ के साथ उनकी झड़प के बाद का है।
इन घटनाओं पर केन्द्रीय विदेश राज्य मंत्री आरके रंजन सिंह ने ‘पीटीआई-वीडियो’ से कहा, ‘‘मैं तीन मई (जब राज्य में जातीय संघर्ष शुरू हुआ था) से शांति स्थापित करने और हिंसा रोकने की कोशिश कर रहा हूं। …यह दो समुदायों के बीच गलतफहमी का मामला है। सरकार ने एक शांति समिति का गठन किया है, प्रक्रिया जारी है। नागरिक संस्थाओं के लोग साथ बैठ रहे हैं।’’
पार्टी के एक समारोह के लिए कोच्चि गये केंद्रीय मंत्री ने केरल में अपने सभी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया ताकि वह घर लौट सकें।

उन्होंने कहा, ‘‘यह (मकान) मेरी गाढ़ी कमायी का है। मैं भ्रष्ट नहीं हूं। इस सरकार में कोई भ्रष्ट नहीं है। यदि यह धर्म का मामला है, तो मैं एक हिंदू हूं। हमलावर हिंदू हैं, तो यह धर्म का भी मामला नहीं है। यह बस एक भीड़ है।’’
उन्होंने कहा कि सरकार सभी समुदायों से बात करेगी और रास्ता निकालेगी।
मणिपुर के खामेनलोक इलाके में नौ लोगों की हुई हत्या की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा कि दोषियों को पकड़ने के लिए सुरक्षा बलों का तलाश अभियान जारी है।
सिंह ने यह भी कहा कि उनकी सरकार राज्य की एकता एवं अखंडता की रक्षा करेगी और राज्य के लोगों के हित के खिलाफ कुछ नहीं करेगी।
उन्होंने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा था, ‘‘अर्द्धसैनिक बलों और मणिपुर के पुलिसकर्मियों के एक संयुक्त दल ने दोषियों को पकड़ने के लिए कुरांगपट और येंगांगपोकपी सहित अलग-अलग स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया है तथा इस जघन्य अपराध में संलिप्त लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि तलाशी अभियान पर्वतीय इलाकों के 41 गांव और इससे लगे घाटी क्षेत्र में 39 गांव में चलाया गया है।
बुधवार तड़के राज्य के खामेनलोक इलाके के एक गांव में संदिग्ध बदमाशों के हमले में कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई और 10 अन्य लोग घायल हो गये।
इसबीच केन्द्र सरकार द्वारा मणिपुर में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। सूत्रों ने शुक्रवार को नयी दिल्ली में बताया कि इन उपायों में सुरक्षा बलों द्वारा सीमावर्ती क्षेत्रों और अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती और वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कड़ी निगरानी शामिल है।
घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने बताया कि केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने स्थिति का आकलन करने और केन्द्रीय बलों के बेहतर इस्तेमाल और समन्वय के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक एस. एल. थाउसेन को मणिपुर भेजा है।
मणिपुर में करीब डेढ़ महीने पहले मेइती और कुकी समुदाय के लोगों के बीच भड़की जातीय हिंसा के बाद से 100 से अधिक लोगों की जान चली गई है। मणिपुर के 11 जिलों में कर्फ्यू लागू है, जबकि अफवाहों को रोकने के लिए इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं।
गौरतलब है कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘जनजातीय एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद ये झड़पें शुरू हुई थीं।

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