मणिपुर में महीनों तक चली जातीय अशांति के बाद स्वतंत्र आवाजाही के पहले दिन ताजा हिंसा देखने को मिली, जिसमें कांगपोकपी इलाके में एक सार्वजनिक बस पर हमला किया गया। यह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश के बाद हुआ है, जिन्होंने अधिकारियों को 8 मार्च, 2025 से पूरे राज्य में अप्रतिबंधित आवाजाही सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था, साथ ही व्यवधान पैदा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया था।
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सेनापति जिले जाने वाली बस पर हमला उस समय हुआ जब कांगपोकपी जिले के गमगीफाई इलाके में भीड़ ने यात्री वाहन पर पत्थर फेंके। बस पर कथित तौर पर कुकी जनजातियों द्वारा हमला किया गया था, जो तब तक कोई स्वतंत्र आवागमन नहीं चाहते हैं जब तक कि राज्य से अलग प्रशासन की उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती। अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा बलों ने भीड़ पर आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया, जिससे कुछ प्रदर्शनकारी घायल हो गए। इससे पहले मुख्य सचिव ने बयान में कहा था कि राज्य परिवहन की बसें केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के संरक्षण में चलेंगी ताकि जनता की असुविधा को कम किया जा सके और राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने की दिशा में पहल की जा सके।
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मणिपुर के इंफाल पश्चिम जिले में शनिवार को मेइती संगठन द्वारा आयोजित शांति मार्च को इसलिए रोक दिया गया क्योंकि यह प्रदर्शन अंतर-जिला बस सेवाओं को फिर से शुरू करने की सरकार की पहल के दिन हो रहा था। इस पहल का उद्देशय लोगों की मुक्त आवाजाही सुनिश्चित करना था। सुरक्षा बलों ने इंफाल से लगभग 18 किलोमीटर दूर सेकमई में फेडरेशन ऑफ सिविल सोसायटी ऑर्गनाइजेशन द्वारा निकाले गए जुलूस को रोक दिया और आयोजकों से सरकार की मुक्त आवाजाही पहल में शामिल होने को कहा।