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मनमोहन सिंह अच्छे थे, उन्होेंने 26/11 के बाद इजरायल जैसा नहीं किया, अमेरिकी लेखक ने की तारीफ

अमेरिकी लेखक थॉमस फ्रीडमैन ने कहा कि 7 अक्टूबर को हमास के हमले के बाद इजराइल को 26/11 हमले पर भारत की प्रतिक्रिया से कुछ सीखना चाहिए था क्योंकि प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने सैन्य जवाबी कार्रवाई नहीं करने का फैसला किया। फ्रीडमैन ने द न्यूयॉर्क टाइम्स में इज़राइल-हमास युद्ध पर अपने ऑप-एड लेख में मुंबई में 26/11 के आतंकवादी हमले पर भारत की प्रतिक्रिया का जिक्र करते हुए मनमोहन सिंह की प्रशंसा की।

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अमेरिकी लेखक ने कहा कि मैं इज़राइल-हमास युद्ध देख रहा हूं और उन विश्व नेताओं में से एक के बारे में सोच रहा हूं जिनकी मैं सबसे अधिक प्रशंसा करता हूं। जब 26 नवंबर, 2008 को लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के 10 आतंकवादियों ने भारत में घुसपैठ की और दो लक्जरी होटलों में 61 लोगों सहित मुंबई में 160 से अधिक लोगों की हत्या कर दी, तब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे।
11 सितंबर को भारत की ओर से सिंह की सैन्य प्रतिक्रिया क्या थी?

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उसने कुछ नहीं किया। सिंह ने कभी भी पाकिस्तान राष्ट्र या पाकिस्तान में लश्कर शिविरों के खिलाफ सैन्य जवाबी कार्रवाई नहीं की। फ्राइडमैन ने कहा, यह संयम का एक उल्लेखनीय कार्य था। पूर्व भारतीय विदेश सचिव शिवशंकर मेनन का हवाला देते हुए अमेरिकी लेखक ने कहा कि 26/11 हमले के बाद सैन्य जवाबी कार्रवाई न करना उस समय सही बात थी। फ्रीडमैन ने मुंबई आतंकवादी हमले पर भारत की प्रतिक्रिया और हमास नरसंहार पर इज़राइल की प्रतिक्रिया के बीच अंतर पर विचार किया।

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