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दिसंबर में शादी रचाने की तैयारी कर रहे थे सेना के शहीद राइफलमैन रवि कुमार राणा

जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ में रवि कुमार राणा का परिवार दिसंबर में उनकी शादी की तैयारियां कर रहा था लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था और अब उनके परिवार के सदस्यों और गमजदा मंगेतर के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।
सेना के बहादुर जवान ने राजौरी जिले में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी।
राइफलमैन रवि कुमार राणा का पार्थिव शरीर सेना के एक वाहन से सीमावर्ती जिले राजौरी से उनके गृह नगर किश्तवाड़ लाया गया जहां बृहस्पतिवार को हजारों लोग उन्हें अश्रुपूर्ण विदाई देने के लिए उमड़ पड़े।
सेना की 63 राष्ट्रीय राइफल्स के राइफलमैन राणा ने मंगलवार को राजौरी जिले के सुदूर नारला गांव में एक मुठभेड़ के दौरान सर्वोच्च बलिदान दिया।

बुधवार तक चली इस मुठभेड़ में दो संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकवादी भी मारे गए और सेना के श्वान दल की छह वर्षीय मादा लैब्राडोर केंट भी जान गंवा बैठी।
किश्तवाड़ शहर से 15 किलोमीटर दूर पर्वतीय इलाके वासनोटी-गलीगढ़ में राणा के घर पर नजारा बड़ा मार्मिक था और उनकी मंगेतर भी फूट-फूटकर रोती दिखायी दीं।
उनकी मंगेतर ने कहा, ‘‘मैंने कभी सोचा नहीं था कि किस्मत इस मोड़ पर लाकर खड़ा करेगी जो मेरी जिंदगी तबाह कर देगी….अगर मुझे पता होता कि ऐसा कुछ होगा तो मैं एक बार उनसे मिलती और उनसे बात करती लेकिन अपने परिवार की इज्जत की खातिर ऐसा नहीं कर पायी।’’
राणा के पार्थिव शरीर को बुधवार को राजौरी में सेना की छावनी में पुष्पांजलि अर्पित किए जाने के बाद उनके गृह नगर पहुंचने की उम्मीद थी लेकिन खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर सका और बाद में तिरंगे में लिपटा उनका पार्थिव शरीर सड़क मार्ग से उनके घर लाया गया।

जांबाज सैनिक का पार्थिव शरीर मध्यरात्रि को उनके घर पहुंचा और बृहस्पतिवार सुबह उसे नजदीकी श्मशान घाट ले जा गया और इस दौरान बड़ी संख्या में मौजूद लोगों ने उनके बलिदान, देश और सेना के लिए नारे लगाए। उन्होंने आतंकवाद विरोधी नारे भी लगाए।
राणा का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया और उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की गयी तथा बंदूक की सलामी भी दी गयी। किश्तवाड़ के उपायुक्त देवांश यादव, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक खलील पोसवाल और कई नेताओं ने भी राइफलमैन राणा को अंतिम विदायी दी।
शहीद जवान के रिश्तेदार राजेंद्र सिंह सेन ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘उनकी (राणा) शादी की तैयारियां जोर-शोर से चल रही थी और फिर हमने उनकी मौत की खबर सुनी, जिससे हम सभी टूट गए हैं।’’

उन्होंने बताया कि राणा ने इस साल अपना 26वां जन्मदिन मनाया था और दो दिसंबर को उनकी शादी होनी थी।
सेन ने कहा, ‘‘उनके पिता सुभाष चंदर राणा एक किसान हैं और उनके चार बेटे हैं। उनका बड़ा भाई भी सेना में है और पंजाब में तैनात है। राणा करीब आठ साल पहले सेना में भर्ती हुआ था और वह बहादुर था।’’
उन्होंने कहा कि सेना के जवान की लोकप्रियता का अंदाजा उनकी शवयात्रा में शामिल हुए लोगों की संख्या को देखकर लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘आप देख सकते हैं कि जांबाज सैनिक की मौत से सभी की आंखें नम हैं।’’
शहीद जवान को श्रद्धांजलि देते हुए सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी शिव कुमार ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि आतंकवादियों ने फिर अपनी गतिविधियां शुरू कर दी हैं जो दक्षिण कश्मीर के कोकेरनाग में एक अन्य मुठभेड़ में तीन सैन्य और पुलिस अधिकारियों की मौत से साफ है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस समस्या को खत्म करने के लिए आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता है।

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