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इस मुद्दे पर एक हुए मायावती और अखिलेश, शीतकालीन सत्र के बीच बसपा प्रमुख ने कर दी बड़ी मांग

आगामी शीतकालीन सत्र को लेकर आज सर्वदलीय बैठक हुई। सरकार ने सभी दलों से संसद के आगामी शीतकालीन सत्र के दौरान संरचित बहस के लिए अनुकूल माहौल बनाए रखने का अनुरोध किया है। इन सब के बीच बसपा प्रमुख मायावती ने सरकार से बड़ी मांग कर दी है। मायावती ने एक एक्स पोस्ट के जरिए कहा कि संसद के आगामी 4 दिसम्बर से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र से पहले आज सर्वदलीय बैठक में बीएसपी द्वारा सरकार से देश में जातीय जनगणना कराए जाने की माँग पुनः की गयी। अब जबकि इसकी माँग देश के कोने-कोने से उठ रही है, केन्द्र सरकार द्वारा इस बारे में अविलम्ब सकारात्मक कदम उठाना जरूरी।
 

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आपको बता दें कि इस मुद्दे पर बीएसपी समाजवादी पार्टी के साथ खड़ी नजर आ रही है। अखिलेश यादव भी लगातार जातीय जनगणना की मांग करते रहे हैं। बिहार में जातीय जनगणना के बाद यह बड़ा मुद्दा बनता दिखाई दे रहा है। अब कांग्रेस ने भी इस मुद्दे को लेकर अपनी आवाज बुलंद कर दी है। राहुल गांधी भी लगातार जातीय जनगणना की मांग करते हुए दिखाई दे रहे हैं। वहीं, मायावती ने एक अन्य पोस्ट में कहा कि महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, बदहाल सड़क, पानी, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य व कानून व्यवस्था से त्रस्त व जातिवादी शोषण-अत्याचार से पीड़ित देश के लोगों में जातीय जनगणना के प्रति जो अभूतपूर्व रुचि/जागरूकता है वह भाजपा की नींद उड़ाए है तथा कांग्रेस अपने अपराधों पर पर्दा डालने में व्यस्त।
 

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बसपा प्रमुख ने यह भी कहा कि वैसे विभिन्न राज्य सरकारें ’सामाजिक न्याय’ की दुहाई देकर आधे-अधूरे मन से जातीय जनगणना कराकर जनभावना को काफी हद तक साधने का प्रयास कर रही हैं, किन्तु इसका सही समाधान तभी संभव है जब केन्द्र सरकार राष्ट्रीय स्तर पर सही जातीय जनगणना कराकर लोगों को उनका हक देना सुनिश्चित करेगी। विधायी एजेंडे की रणनीति बनाने और आगामी संसदीय सत्र के दौरान संसदीय कार्यवाही के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में आज एक सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। विपक्षी नेताओं ने आपराधिक कानूनों को बदलने की मांग करने वाले तीन विधेयकों के लिए अंग्रेजी नामकरण की मांग की, साथ ही मूल्य वृद्धि, जांच एजेंसियों के “दुरुपयोग” और मणिपुर के मुद्दों को भी उठाया।

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