कश्मीर में बदले माहौल में युवाओं ने मुख्यधारा के क्षेत्रों में कॅरियर बनाने की और देश सेवा के संकल्प को पूरा करने की जो ठानी है उसे वह पूरा करने के लिए शिद्दत से मेहनत कर रहे हैं। किसने सोचा था कि दूरदराज के एक गांव में जहां प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोई संसाधन नहीं हैं वहां की एक लड़की यूट्यूब से पढ़ाई कर प्रतिष्ठित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी यानि एनडीए की परीक्षा पास कर लेगी? जी हाँ, हम आपको बता दें कि दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम तहसील के कठसू गांव की रहने वाली अरिफ़ेनुल इरफ़ान शाह को नौसेना अकादमी तक जाने वाले रास्ते पर चलने वाली पहली कश्मीरी लड़की होने का गौरव प्राप्त हो गया है।
हम आपको यह भी बता दें कि अरिफ़ेनुल इरफान ने बताया है कि पहले उन्होंने डॉक्टर बनने के इरादे से मेडिकल विषय चुना था। हालाँकि, जब वह श्रीनगर के एक कोचिंग सेंटर में देश भर के मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश पाने के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) की तैयारी कर रही थीं, तो उन्होंने अपना मन बदल दिया। उन्होंने कहा कि एक पूर्व नौसेना अधिकारी ने सुझाव दिया कि मैं एनडीए में जाऊं। उन्होंने कहा कि उन्होंने इंटरनेट पर खोज की और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) के बारे में सारी जानकारी एकत्र की। उन्होंने कहा कि एनडीए परीक्षा के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए 11वीं और 12वीं में गणित, भौतिकी और रसायन विज्ञान विषय होना जरूरी है इसलिए मैंने 11वीं और 12वीं कक्षा में गणित को चुना।” अरिफ़ेनुल ने कहा कि उन्होंने एनडीए को अपने दिल और दिमाग से चुना है। उन्होंने कहा कि मैंने बहुत मेहनत और समझदारी से काम किया और ढाई महीने में पूरा सिलेबस कवर कर लिया। उन्होंने बताया कि मेरा गांव बहुत दूर-दराज का इलाका है और एनडीए के लिए कोचिंग मेरे गांव में उपलब्ध नहीं थी, इसलिए मैंने सब कुछ खुद ही सीखा।
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उन्होंने कहा, ”यूट्यूब पर खुद की मदद से एनडीए परीक्षा उत्तीर्ण करना वो भी उचित कोचिंग के बिना मेरे लिए एक बहुत बड़ी चुनौती थी।” उन्होंने कहा कि मैंने पूरे दृढ़ संकल्प के साथ काम किया। उन्होंने कहा कि एनडीए का पाठ्यक्रम लंबा है और इसे कम समय में पूरा करना चुनौतीपूर्ण है। उन्होंने बताया कि उन्होंने सेल्फ स्टडी की चुनौती स्वीकार की। उन्होंने कहा, “मेरी तैयारी के लिए एक ऑनलाइन ट्यूटोरियल बहुत उपयोगी साबित हुआ।” उन्होंने कहा, एक व्यक्ति को अपने सपनों को पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्प होना चाहिए। उन्होंने कहा, “मेरी मां हमेशा मेरी सबसे बड़ी सहायक साबित हुई हैं क्योंकि उन्होंने हमेशा हर तरह से मेरा समर्थन किया है। चाहे वह घरेलू स्तर पर हो या मानसिक रूप से, वह मेरी पूरी यात्रा में मेरा साथ देने के लिए मौजूद रहीं।”
अरिफ़ेनुल अब साक्षात्कार पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं जो कुछ समय बाद होने वाले हैं। अरिफ़ेनुल इरफ़ान के पिता इरफ़ान अहमद शाह ने कहा कि उनकी बेटी नौसेना में शामिल होना चाहती है। अपने परिवार की जीविका चलाने के लिए वाहन चलाने वाले इरफान ने कहा कि उन्होंने अपनी बेटी को उसके सपने को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित किया और उसका समर्थन किया। वहीं अरिफ़ेनुल की मां ने कहा, “मुझे पूरा यकीन था कि मेरी बेटी इस परीक्षा को अच्छे अंकों से पास करेगी और उसने हमें सही साबित कर दिया। हमने उसे सर्वोत्तम शिक्षा देने के लिए वास्तव में कड़ी मेहनत की है और आज उसने हमें गौरवान्वित किया है क्योंकि उसने इस परीक्षा को पास करने वाली एकमात्र लड़की बनकर जम्मू-कश्मीर का नाम रोशन किया है।” उन्होंने कहा कि माता-पिता को हमेशा अपने बच्चों को उनके सपने पूरे करने में सहायता करनी चाहिए।