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मेघालय की होगी अतिरिक्त सुरक्षा, संवेदनशील इलाकों में स्थापित होंगी चौकियां: सीएम कोनराड संगमा

शिलॉंग। मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा ने कहा कि पिछले सप्ताह मुकरोह में हुई हिंसा के बाद राज्य सरकार ने अंतर-राज्यीय सीमा से लगे संवेदनशील इलाकों में सीमा चौकियां स्थापित करने का सोमवार को फैसला किया।
मुख्यमंत्री ने जयंतिया हिल्स के स्थानीय विधायकों की सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करने के बाद इस फैसले की घोषणा की, जहां उन्हें मुकरोह में गोलीबारी की घटना के बाद राज्य सरकार द्वारा की गई कार्रवाई और भविष्य के कदमों के बारे में जानकारी दी गई।

मुकरोह में गोलीबारी की घटना में एक वन रक्षक और पांच स्थानीय ग्रामीणों की मौत हो गई थी।
मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा कि नेताओं को सूचित किया गया कि संवेदनशील क्षेत्रों में स्थापित की जाने वाली विभिन्न सीमा चौकियों (बीओपी) की सूची को अंतिम रूप देने के लिए कल मंत्रिमंडल की बैठक होगी। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्र में रहने वालों की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे। संगमा ने मुकरोह में हुई गोलीबारी की निंदा करते हुए मृतकों के सम्मान में कुछ पलों का मौन रखा। उन्होंने कहा कि मुकरोह गोलीबारी की घटना मेघालय राज्य के लिए निजी क्षति है। मैंने सभी दलों के नेताओं से अपील की है कि वे सामान्य स्थिति की बहाली सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करें और राज्य में आगे कोई हिंसा न हो।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पुलिस ने पिछले हफ्ते शिलॉंग सिविल अस्पताल के अंदर मारपीट और डराने-धमकाने की घटना में शामिल लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। उन्होंने कहा कि इस तरह की हिंसक हरकतें अस्वीकार्य हैं। दोषियों के खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। इस बीच, राज्य सरकार ने 22 नवंबर को मुकरोह में हुई गोलीबारी से प्रभावितखासी जयंतिया हिल्स क्षेत्र में सात जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को रोकने के आदेश को सोमवार को वापस ले लिया। मुकरोह में असम पुलिस की गोलीबारी में छह लोगों की मौत हो गई थी।

अधिकारियों ने कहा कि असम-मेघालय सीमा से लगे विवादित क्षेत्र में भारी सुरक्षा बल तैनात हैं। हिंसा वाले स्थान और आसपास के इलाकों में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत प्रतिबंध भी जारी है।
वेस्ट कार्बी आंगलोंग जिले में 22 नवंबर को दोनों राज्यों के बीच विवादित सीमा के पास मुकरोह गांव में हिंसा भड़क उठी थी, जब असम के वन रक्षकों द्वारा कथित रूप से अवैध रूप से काटी गई लकड़ियों से लदे एक ट्रक को रोका गया था।

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