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दुल्हन के हाथों की मेहंदी बनी विलेन, शादी के लिए नहीं हो पा रहा है रजिस्ट्रेशन

हिंदू धर्म में होने वाली शादियों मे दुल्हन के हाथों पर लगने वाली मेहंदी को बेहद शुभ माना गया है। मेहंदी को प्रेम की निशानी माना जाता है। कहा जाता है कि मेहंदी का रंग जितना गहरा होगा पति-पत्नी के बीच प्रेम भी उतना ही अधिक होता है। भारत में अमूमन हर शादी में मेहंदी दुल्हन को लगाई जाती है। ऐसा करना खास रस्म का हिस्सा भी होता है।

मेहंदी लगाना सदियों पुरानी परंपरा का हिस्सा है। मगर इस सदियों पुरानी परंपरा को नई तकनीक रास नहीं आ रही है, जिस कारण शादियों में अब परेशानी हो रही है। दरअसल जो कपल रजिस्टर्ड मैरिज करने के इच्छुक हैं उनकी शादी में मेहंदी अब बड़ा अड़ंगा लगा रही है। दरअसल मेहंदी वाले हाथों से अब बायोमेट्रिक रज‍िस्‍ट्रेशन करने में परेशानी आ रही है।

ऐसा ही मामला बंगाल में भी देखने को मिला है जहां मेहंदी लगाए हाथों से रजिस्टर मैरिज करना संभव नहीं है। ऐसे में कपल को ये सलाह दी गई है कि हाथ के अंगूठे और उंगली में मेहंदी ना लगाएं ताकि रजिस्ट्रेशन में किसी तरह की परेशानी ना आए।

बता दें कि पश्चिम बंगाल में शादी के बंधन में बंधने वाले कपल अपने अंगूठे का निशान दो बार दर्ज करना होता है। बता दें कि पहले रजिस्ट्रार ऑफिस में आवेदन जमा करना होता है। इसके बाद एक महीने का समय बीतने के बाद मैरिज रजिस्ट्रेशन होता है और तब दूसरी बार निशान लगाना होता है। ऐसे में ये देखने में आया है कि रजिस्ट्रेशन के दौरान दुल्हन की उंगलियों पर लगी मेहंदी के कारण उनके अंगूठे के निशान लेने में काफी समस्या होती है। ऐसे में रजिस्ट्रार ऑफिस से ये सलाह दी गई है कि हथेलियों पर मेहंदी लगाने के दौरान अंगूठे के ऊपरी छोर को छोड़ना चाहिए।

कपल को दी जा रही ये सलाह
बता दें कि एक रजिस्ट्रार का कहना है कि बायोमेट्रिक रजिस्ट्रेशन की शुरुआत होने के बाद एक नोटिस मिला है, जिसमें ये कहा गया है कि उंगलियों पर मेहंदी, आल्ता, सिंदूर ना लगाया जाए। ऐसा करने से उंगलियों के निशान लेने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। महिलाओं को कहा गया है कि उंगलियों पर मेहंदी ना लगवाई जाए ताकि मैरिज रजिस्टर करने में परेशानी ना हो। बता दें कि एक शादी में गवाह के हाथ पर मेहंदी लगी हुई थी और उसकी उंगली के निशान नहीं लिए जा सके। ऐसे में अंतिम समय में गवाह को बदलना पड़ा था।

टालनी पड़ी थी शादी
बता दें कि ऐसा ही एक और मामला देखने को मिला था जिसमें नवीन और अंजू की शादी होनी थी। दोनों की शादी सात दिसंबर को हुई थी और शादी का रजिस्ट्रेशन जनवरी तक के लिए आगे बढ़ाना पड़ा था। इसके पीछे मुख्य कारण था कि दुल्हन के हाथों की उंगलियों पर मेहंदी लगी थी, जिससे बायोमेट्रिक सिस्टम पर उंगलियों के निशान अलग हो सकते थे। ऐसे में मेहंदी का रंग फीका होने तक रजिस्टर करने के लिए इंतजार किया गया। 

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