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बंगाल के प्रवासी मजदूर की चेन्नई में ‘भूख’ से मौत, राज्यपाल Anand Bose ने की तृणमूल सरकार की आलोचना

कोलकाता । पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने चेन्नई में कथित तौर पर भुखमरी के कारण राज्य के एक प्रवासी श्रमिक की मौत पर बुधवार को चिंता व्यक्त की और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आलोचना करते हुए कहा कि उनके ‘‘संवैधानिक सहयोगी लोगों की जिंदगियों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।’’ बोस ने यह टिप्पणी पूर्व मेदिनीपुर जिले के एक प्रवासी मजदूर की सोमवार को तमिलनाडु की राजधानी में ‘भूख’ से मौत होने के मद्देनजर की है। उन्होंने राज्य के प्रवासी श्रमिकों की दुर्दशा पर भी चिंता व्यक्त की जिन्हें आजीविका की तलाश में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। 
बोस ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ क्या ममता बनर्जी गांधीजी के प्रिय दरिद्र नारायण की देखभाल इस तरह करती हैं? सबको सन्मति दे भगवान।’’ सरकारी सूत्रों के अनुसार हाल में कई प्रवासी कामगार नौकरी की तलाश में चेन्नई गए थे लेकिन उन्हें कोई नौकरी नहीं मिली। उन्होंने आरोप लगाया कि ये मजदूर ‘भूख’ से बेहाल और दीन हीन हालत में पाए गए, जिनमें से कुछ को चेन्नई रेलवे स्टेशन से बेहोशी की हालत में बचाया गया। उन्होंने कहा कि जिस अस्पताल में पांचों मजदूरों को भर्ती कराया गया था, वहां भी इसकी पुष्टि हुई है। इनमें से तीन की हालत गंभीर है। 
उन्होंने कहा कि मजदूरों में से एक समर खान की 30 सितंबर को मौत हो गई। एक अधिकारी ने बताया कि खान का शव पूर्वी मेदिनीपुर जिले में भेजा जा रहा है जबकि चार अन्य अस्पताल में भर्ती हैं, जिनमें से एक की हालत गंभीर है। बोस ने कहा कि राज्य सरकार को प्रवासी श्रमिकों की दुर्दशा के प्रति ‘‘संवेदनशील और उत्तरदायी’’ होना चाहिए। बोस केरल में थे और घटना के बाद वह चेन्नई गए साथ ही उन्होंने अस्पतालों में भर्ती तथा आश्रय गृहों में रह रहे लोगों की सहायता के लिए अधिकारियों को भेजा। बोस ने राज्य सरकार से प्रवासी श्रमिकों की सहायता के लिए प्रभावी कदम उठाने का अनुरोध किया है।

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