कर्नाटक के पूर्व मंत्री और खनन कारोबारी जी जनार्दन रेड्डी लोकसभा चुनाव से पहले सोमवार को फिर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए।
रेड्डी ने पिछले साल विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के साथ अपना दो दशक पुराना नाता तोड़कर कल्याण राज्य प्रगति पक्ष (केआरपीपी) का गठन किया था। वह अवैध खनन मामले में आरोपी हैं और गंगावती के विधायक हैं।
रेड्डी ने आज अपने केआरपीपी का भाजपा में विलय कर दिया और वह अपनी पत्नी अरुणा लक्ष्मी और परिवार के कुछ सदस्यों के साथ पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा, प्रदेश अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र और अन्य की उपस्थिति में पार्टी में शामिल हो गए।
रेड्डी ने हाल ही में दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी।
हालांकि, हाल में राज्यसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार को समर्थन दिया था।
खनन घोटाले में कथित भूमिका को लेकर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद से पिछले साल विधानसभा चुनाव के पहले तक लगभग 12 वर्षों तक रेड्डी राजनीतिक रूप से काफी हद तक निष्क्रिय थे।
इस दौरान 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने मोलकालमुरु विधानसभा क्षेत्र में अपने करीबी दोस्त और पूर्व मंत्री बी श्रीरामुलु के लिए प्रचार किया था।
साल 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा था कि भाजपा का जनार्दन रेड्डी से कोई लेना-देना नहीं है।