उत्तर प्रदेश की माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने श्रीरामचरित मानस के एक अंश पर पाबंदी लगाने की मांग करने वाले समाजवादी पार्टी (सपा) के विधान पार्षद स्वामी प्रसाद मौर्य की रावण से तुलना की है।
बृहस्पतिवार को उप्र बोर्ड परीक्षा के दौरान केन्द्रों का दौरा करने आयीं माध्यमिक शिक्षा मंत्री ने प्रेस कांफ्रेंस में स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा श्रीरामचरितमानस पर की गयी टिप्पणी से सम्बन्धित एक सवाल पर उनकी तुलना रावण से कर दी। उन्होंने कहा श्रीरामचरितमानस को तो रावण भी नहीं मानता था।
उन्होंने यह भी कहा मगर रावण के दिल में राम थे।
वह स्वर्ग तो गया लेकिन उससे पहले उसकी क्या दशा हुई। श्रीरामचरितमानस मानवता के गुणों से परिपूर्ण एक धर्मग्रंथ है। यह हमारी आस्था का सवाल है। इसे नहीं मानने वालों के दिल में खोखलापन है। अपनी राजनीति चमकाने के लिये मानस की आलोचना कर रहे हैं।
यह पूछे जाने पर कि मौर्य की बेटी एवं बदायूं से भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्य भी अपने पिता का बचाव करते हुए कहती हैं कि श्रीरामचरितमानस की कुछ चौपाइयों को लेकर विवाद है और उन पर विचार होना चाहिए, माध्यमिक शिक्षा मंत्री ने कहा वे क्या कहती हैं, हम इस पर कोई चर्चा नहीं करना चाहते।
गौरतलब है कि सपा नेता और विधान पार्षद स्वामी प्रसाद मौर्य ने पिछले महीने एक बयान में श्रीरामचरित मानस की चौपाई को दलितों और महिलाओं के प्रति अपमानजनक बताते हुए इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी, जिसे लेकर उनके खिलाफ संत समाज में खासी नाराजगी व्याप्त है।
देवी ने कानपुर देहात में गत सोमवार को अतिक्रमण रोधी अभियान के दौरान एक महिला और उसकी बेटी द्वारा अपनी झोपड़ी के अंदर कथित रूप से आत्मदाह किये जाने की घटना को दिल कंपा देने वाली वारदात करार दिया है।
उन्होंने कहा कि इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए, पीड़ित परिवार में जो बचे हैं उनके साथ सहानुभूति होना चाहिए और सरकार को उन्हें मुआवजा देना चाहिए तथा दोषियों पर कार्रवाई की जा रही है।
बोर्ड परीक्षाओं के बारे में उन्होंने कहा कि नकल कराने वालों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्यवाही की जाएगी।