भाजपा नेता और अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती ने मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा के मद्देनजर पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने का अनुरोध करते हुए कहा कि चुनाव के दौरान कम से कम दो महीने के लिए राज्य में सेना तैनात की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि मैंने कई बार अनुरोध किया है और मैं अभी भी गृह मंत्री से अनुरोध कर रहा हूं। कम से कम चुनाव के दौरान दो महीने के लिए सेना को तैनात करें। अगर उन्हें तैनात किया जाता है, तो निष्पक्ष चुनाव हो सकेंगे।
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चक्रवर्ती ने बंगाल पुलिस की भी आलोचना की और कहा कि जब भी कोई दंगा या उपद्रव होता है, तो वे बस एक कुर्सी लेकर आते हैं, बैठ जाते हैं और देखते हैं जैसे कि यह कोई तमाशा हो। और एक बार जब यह खत्म हो जाता है, तो वे अपनी कुर्सियाँ समेट कर घर चले जाते हैं। यही उनका काम है। आँखें बंद करके, सब कुछ अनदेखा करके। मिथुन ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बारे में बात करते हुए कहा कि अगर वो मैडम (ममता बनर्जी) वाकई चाहतीं तो एक दिन में सब कुछ बंद हो सकता था।
उन्होंने कहा कि एक दिन और सब खत्म हो जाता। लेकिन अभी तक उन्होंने कुछ भी नहीं कहा है। वैसे, वो अलग बात है। बंगाल में अभी सनातनी लोग, ईसाई, सिख- हमारे सभी भाई- वे इस पार्टी को वोट नहीं देने वाले हैं। उनका समय अब खत्म हो चुका है, इसलिए आपको उनके वोट बैंक को खुश रखना है। इसलिए चाहे कुछ भी गलत हो जाए, उनके खिलाफ कुछ नहीं कहा जाएगा। उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि वक्फ संशोधन अधिनियम सिर्फ एक बहाना है और इसे कवर के तौर पर इस्तेमाल किया गया है, जबकि असली एजेंडा कुछ और है।
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अभिनेता-भाजपा नेता मिथुन चक्रवर्ती पर टीएमसी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि मिथुन चक्रवर्ती मेरे दोस्त हैं लेकिन वह कोई राजनीतिक व्यक्ति नहीं हैं। उन्हें राजनीति में लाया गया है। वह विधायक, पार्षद, सांसद नहीं रहे हैं। वह एक बार राज्यसभा के सदस्य बने थे, वह भी पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की वजह से। उन्होंने कहा कि अब वह भाजपा के दबाव के कारण बयान दे रहे हैं।