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UP BJP में एक और बड़ा विस्फोट, MLC ने CM Yogi को लिखा पत्र, बोले- मुख्यमंत्री जी, प्रदेश की जनता नाराज क्यों?

उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के भीतर निराशा के संकेत मिल रहे हैं। 2024 के लोकसभा चुनावों में उलटफेर के बाद पार्टी के भीतर कई सवाल खड़े होने लगे हैं। पार्टी अभी से ही 2027 के विधानसभा चुनावों में पलटवार करने तैयारी में जुट गई है। इन सबके बीच बीजेपी एमएलसी देवेन्द्र प्रताप सिंह ने बड़ा विस्फोट किया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि पार्टी में कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की जा रही है। सिंह ने यह भी कहा कि “नौकरशाही के भीतर लूट” है।
 

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गोरखपुर फैजाबाद क्षेत्र के एमएलसी सिंह ने कहा कि राज्य में नौकरशाहों ने पुराने स्मार्टफोन दोगुनी कीमत पर खरीदे हैं, और टैबलेट ऊंची कीमतों पर बेचे जा रहे हैं, यह यूपी सरकार की उन योजनाओं का संभावित संदर्भ है जो छात्रों के बीच इन गैजेटों को वितरित करती हैं। उन्होंने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए। सिंह ने सीएम योगी आदित्यनाथ को एक पत्र भी लिखा है, जिसमें उनके और पीएम मोदी के शासन की सराहना की गई है, लेकिन सरकार को कमजोर करने के लिए “नौकरशाहों द्वारा साजिश” का आरोप लगाया गया है। 
पत्र में मुख्य रूप से शिक्षकों के लिए डिजिटल उपस्थिति प्रणाली पर सवाल उठाया गया है, जिसके कारण राज्य में विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि अगर 2027 में बीजेपी को जीतना है तो शिक्षकों के अटेंडेंस वाले मुद्दे पर ध्यान देना होगा। अगर शिक्षकों के अटेंडेस के मुद्दे पर सही ढंग से हल नहीं किया गया तो गंभीर राजनीतिक परिणाम सामने आएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश की जनता सरकार से क्यों नाराज है, उनको सब कुछ मोदी और योगी सरकार ने दिया। अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को सुरक्षित किया। कानून व्यवस्था और सुशासन का नया मॉडल स्थापित किया दुनिया में इसकी चर्चा है। इतनी सारी उपलब्धियां के बावजूद क्यों हम लोकसभा 2024 हारे हैं। अपेक्षित परिणाम क्यों नहीं आए? क्योंकि नौकरशाही अराजकता की सीमा तक चली गई है। 
 

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उनकी टिप्पणी रविवार को राज्य भाजपा इकाई की कार्य समिति की बैठक के बाद आई, जो लोकसभा चुनाव के बाद इसकी पहली महत्वपूर्ण बैठक थी। बैठक में वक्ताओं में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य शामिल थे। बैठक में, आदित्यनाथ ने कहा कि “अति आत्मविश्वास” ने चुनाव में पार्टी को नुकसान पहुंचाया, जबकि मौर्य ने कम संख्या को एक अस्थायी झटका बताया, जिससे पार्टी 2027 तक उबर जाएगी, जब राज्य में अगला विधानसभा चुनाव होगा।

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