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सशस्त्र बलों का आधुनिकीकरण समय की मांग, वायुसेना प्रमुख वीआर चौधरी ने कही बड़ी बात

वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने मंगलवार को कहा कि समकालीन सुरक्षा परिदृश्य सीमा विवाद और आतंकवाद से लेकर साइबर खतरों और क्षेत्रीय अस्थिरता तक “बहुआयामी चुनौतियां” प्रस्तुत करता है और भारत को इन “अशांत समय” से निपटने के लिए अपने सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण में निवेश करना चाहिए। यहां एक सेमिनार में मुख्य भाषण देते हुए वायुसेना प्रमुख ने यह भी कहा कि आधुनिक युद्ध की विशेषता तेजी से तकनीकी प्रगति, असममित खतरे और भू-राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक संदर्भों की व्यापक समझ की आवश्यकता है।

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उनकी टिप्पणी दुनिया के कुछ क्षेत्रों में देखे जा रहे संघर्षों के साथ विकसित हो रही भू-राजनीति की पृष्ठभूमि के बीच आई है। तीसरे युद्ध और एयरोस्पेस रणनीति कार्यक्रम की समाप्ति को चिह्नित करने के लिए सुब्रतो पार्क में वायु सेना सभागार में भारतीय वायु सेना, कॉलेज ऑफ एयर वारफेयर और सेंटर फॉर एयर पावर स्टडीज द्वारा सेमिनार की मेजबानी की गई थी। आईएएफ शेफ ने कहा कि इस कार्यक्रम ने हमें विद्वान योद्धाओं की परिभाषा को परिष्कृत करने में सक्षम बनाया है।

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एयर चीफ मार्शल ने कहा कि इस बहुआयामी परिदृश्य के लिए ऐसे सैन्य कर्मियों की आवश्यकता है जो न केवल युद्ध में कुशल हों बल्कि अपने कार्यों के व्यापक निहितार्थों की गहरी समझ भी रखते हों। इसलिए, मेरी राय में एक विद्वान योद्धा एक सैन्य पेशेवर है जो आज के “तेजी से जटिल और गतिशील सुरक्षा वातावरण” में युद्ध कौशल के साथ बौद्धिक कौशल को जोड़ता है।

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