प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा अपने बजट भाषण में मोटे अनाज को श्री अन्न कहे जाने के पीछे के तर्क का सोमवार को खुलासा किया।
मोदी ने तुमकुरु जिले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह नाम कर्नाटक से लिया गया है जहां मोटे अनाज को सिरी धान्य कहा जाता है, जो श्री धान्य कहने का बोलचाल का तरीका है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘कर्नाटक के लोग मोटे अनाज के महत्व को समझते हैं। यही कारण है कि आप सभी इसे ‘सिरी धान्य’ कहते हैं। कर्नाटक के लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए देश मोटे अनाज को आगे बढ़ा रहा है।’’
मोदी ने कर्नाटक के लोगों से स्वयं को जोड़ने का प्रयास करते हुए कहा, ‘‘अब मोटे अनाज को देशभर में श्री अन्न के नाम से जाना जाएगा। श्री अन्न का मतलब सभी खाद्यान्नों में सबसे अच्छा होता है।’’
कर्नाटक में इस वर्ष मई तक विधानसभा चुनाव होना है।
यह प्रधानमंत्री का एक महीने से भी कम समय में राज्य का तीसरा दौरा है। उनका यहां 13 फरवरी को ‘एयरो इंडिया शो’ का उद्घाटन करने और 27 फरवरी को जिला मुख्यालय शहर शिवमोगा में हवाईअड्डे का उद्घाटन करने का कार्यक्रम है।
मोदी ने कर्नाटक में मडुआ आदि मोटे अनाज की पैदावार होने का उल्लेख किया। मडुआ से बने लोकप्रिय भोजन का प्रधानमंत्री द्वारा उल्लेख किए जाने पर सभा में मौजूद लोगों की ओर से उत्साहपूर्ण प्रतिक्रिया जतायी गई।
मोदी ने कहा, ‘‘ मड़ुआ मुदे और मडुआ रोटी का स्वाद कौन भूल सकता है? इस साल के बजट में श्री अन्न के उत्पादन पर बहुत जोर दिया गया है, जिससे कर्नाटक के सूखाग्रस्त क्षेत्रों के सीमांत किसानों को बहुत मदद मिलेगी।’’
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, मोटे अनाज को कर्नाटक में श्री धान्य कहा जाता है क्योंकि यह न केवल स्वादिष्ट और पोषण से भरपूर होता है, बल्कि इसमें ढेर सारे औषधीय गुण भी होते हैं।