प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि विकसित भारत के निर्माण के लिए बुनियादी ढांचा, निवेश, नवाचार तथा समावेश के चार स्तंभों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
इस दौरान उन्होंने एस्पिरेशनल ब्लॉक प्रोग्राम की शुरुआत की और राज्यों से ब्लॉक स्तर पर चल रहे ‘एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम’ का अनुसरण करने की सलाह दी।
मोदी ने मुख्य सचिवों के दूसरे राष्ट्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए कहा कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में स्थिरता लाने के लिए पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है। साथ ही प्रधानमंत्री ने उनसे एमएसएमई क्षेत्र को ‘‘ग्लोबल चैंपियन’’ और वैश्विक श्रृंखला का एक हिस्सा बनाने की दिशा में कदम उठाने के लिए कहा।
एक बयान के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने कहा कि देश इसका पूरा लाभ तभी उठा सकता है जब राज्य गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करके और ‘‘भारत प्रथम’’ के दृष्टिकोण के साथ निर्णय करें।
प्रधानमंत्री ने मुख्य सचिवों से ‘‘अविवेकपूर्ण अनुपालन’’ और पुराने कानूनों एवं नियमों को समाप्त करने पर ध्यान केंद्रित करने का भी आह्वान किया।
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘‘ऐसे समय में जब भारत अद्वितीय सुधारों की शुरुआत कर रहा है, अति-नियमन और अविवेकपूर्ण प्रतिबंधों की कोई गुंजाइश नहीं है।’’
मोदी ने कहा कि राज्यों को विकास आधारित सुशासन, व्यापार एवं जीवनयापन में आसानी और मजबूत बुनियादी ढांचे के प्रावधान पर ध्यान देना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने साइबर सुरक्षा को बढ़ाने पर ध्यान देने के साथ-साथ भौतिक और सामाजिक बुनियादी ढांचे के विकास के बारे में भी बात की।
उन्होंने ट्वीट किया कि दुनिया की निगाहें भारत पर हैं और प्रतिभावान युवाओं के मामले में हम समृद्ध हैं। उन्होंने कहा कि आने वाला समय हमारे देश का है।
मोदी ने कहा, ‘‘देश को आत्मनिर्भर बनाने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए हमारे एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) क्षेत्र को मजबूत करना महत्वपूर्ण है।’’
इससे पहले, मोदी ने आज दिन में मुख्य सचिवों से अपील की कि वे लोगों के जीवन को बेहतर बनाने और भारत के विकास पथ को मजबूत करने के लिए काम करें।
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘‘पिछले दो दिनों से, हम दिल्ली में मुख्य सचिवों के सम्मेलन में व्यापक चर्चा देख रहे हैं। आज की मेरी टिप्पणी के दौरान, उन विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला पर जोर दिया गया, जो लोगों के जीवन को बेहतर बना सकते हैं और भारत के विकास पथ को मजबूत कर सकते हैं।’’
इधर, सरकार ने कहा है कि पांच जनवरी से शुरू हुए मुख्य सचिवों के सम्मेलन का उद्देश्य राज्यों के साथ समन्वय में तेजी से और निरंतर आर्थिक विकास करना था। मुख्य सचिवों का दूसरा राष्ट्रीय सम्मेलन आज संपन्न हुआ। मोदी ने अंतिम दो दिन सम्मेलन की अध्यक्षता की।