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समुदायों के बीच नफरत पैदा करने के लिए धन खर्च किया जा रहा : ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को आरोप लगाया कि समुदायों के बीच नफरत पैदा करने के लिए धन खर्च किया जा रहा है।
उन्होंने साथ ही दावा किया कि वाम दलों द्वारा समर्थित संगठन यादवपुर विश्वविद्यालय में प्रथम वर्ष के छात्र की हाल में हुई मौत के मामले में संलिप्त है।
यहां स्थित नेताजी इंडोर स्टेडियम में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा कि वह राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ का समर्थन करती हैं लेकिन राज्य में माकपा, कांग्रेस और भाजपा (भारतीय जनता पार्टी)एक दूसरे से मिले हुए हैं।
इमाम सम्मेलन में बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजीकृत हिंदू और मुस्लिम धार्मिक शिक्षकों के भत्तों में 500 रुपये प्रति माह की वृद्धि की गई है।
उन्होंने कहा, ‘‘ देश में समुदायों के बीच नफरत फैलाने के लिए धन खर्च किया जा रहा है…भाजपा लोकसभा चुनाव से पहले सांप्रदायिक तनाव भड़काने के लिए कुछ अल्पसंख्यक नेताओं का वित्तपोषण कर रही है।’’

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ माकपा और कांग्रेस का इस्तेमाल करने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘ राष्ट्रीय स्तर पर मैं ‘इंडिया’ के साथ हूं…लेकिन माकपा-कांग्रेस और भाजपा ने पश्चिम बंगाल में हाथ मिला लिया है। मोदी सरकार का कार्यकाल केवल छह महीने का बचा है और भाजपा राज्य में मतों का विभाजन चाहती है।’’
यादवपुर विश्वविद्यालय के प्रथम वर्ष के छात्र की कुछ दिन पहले कथित तौर पर रैगिंग और यौन उत्पीड़न की वजह से हुई मौत के मामले में बनर्जी ने दावा किया कि माकपा और अन्य वाम दलों से जुड़े छात्र संगठन इसके लिए जिम्मेदार हैं।
बनर्जी नेकहा, ‘‘ हमें यादवपुर विश्वविद्यालय पर गर्व है, लेकिन…माकपा और अन्य वाम दलों से जुड़े छात्र संगठन नवआगंतुक छात्र की मौत के पीछे हैं। वे कभी नहीं बदलेंगे। वे सालों से खून से खेल रहे हैं और अब भी शांत नहीं हैं। यह बंद होना चाहिए।’’

ममर्ता बनर्जी की टिप्पणी पर माकपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उसने आरोप लगाया कि बनर्जी राज्य संचालित विश्वविद्यालय में ‘प्रशासनिक विफलता’ से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही हैं।
माकपा के राज्यसभा सदस्य विकास रंजन भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘ जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है…कैसे जांच जारी रहने के दौरान वह किसी को जिम्मेदार ठहरा सकती हैं ? मुख्यमंत्री जांच को प्रभावित करने की कोशिश कर रही हैं।’’
बनर्जी ने इमाम, मुअज्जिम और हिंदू पुजारियों के भत्ते में 500 रुपये मासिक वृद्धिकी घोषणा करने के बाद कहा कि जब भी वह अल्पसंख्यकों के कार्यक्रम में हिस्सा लेती हैं तो उनकी धर्मनिरपेक्ष साख पर सवाल उठाया जाता है।

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