शिमला। हिमाचल प्रदेश में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने समय से कुछ दिन पहले ही शनिवार को दस्तक दे दी, जिस वजह से राज्य के कई इलाकों में भारी बारिश हुई।
भारी बारिश और भूस्खलन की वजह से चंबा जिले में लगभग 300 बकरियों की मौत हो गयी तथा एक मकान और सड़क किनारे खड़े कुछ वाहन क्षतिग्रस्त हो गये।
शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड के अधिकारियों ने कहा कि शहर में अगले कुछ दिनों तक जलापूर्ति प्रभावित रहेगी।
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राज्य के कई हिस्सों में शुक्रवार से मध्यम से बहुत भारी बारिश दर्ज की गई।
मौसम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अगले कुछ दिनों में सिरमौर, सोलन, शिमला, बिलासपुर, ऊना, हमीरपुर, मंडी और कांगड़ा जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है।
हिमाचल प्रदेश में आमतौर पर 28 जून से 29 जून के आसपास दक्षिण-पश्चिम मॉनसून दस्तक देता है, लेकिन इस साल अधिकारियों ने शनिवार 24 जून को ही इसका आगमन हो जाने की पुष्टि कर दी है।
मौसम कार्यालय ने 25 और 26 जून को अलग-अलग स्थानों पर ‘भारी’ से ‘बहुत भारी बारिश होने, गरज के साथ बारिश होने, और छिटपुट स्थानों पर बिजली गिरने की आशंका व्यक्त करते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, 27 और 28 जून को गरज के साथ बारिश होने का अनुमान जताते हुए येलो अलर्ट जारी किया गया है।
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उन्होंने बताया कि राज्य के मंडी जिले के कटौला में 163.3 मिलीमीटर (मिमी), सिंहुता में 160 मिमी, कसौली में 145 मिमी, कांगड़ा में 143.5 मिमी बारिश दर्ज की गई।
इसके अलावा, राजधानी शिमला में 99.2 मिमी, गोहर में 81 मिमी, जुब्बड़हट्टी में 76.5 मिमी, पंडोह में 74 मिमी, सुंदरनगर में 70 मिमी, पच्छाद में 65.2 मिमी, मंडी में 58.5 मिमी, कुफरी में 58 मिमी, धर्मशाला में 48.5 मिमी, सोलन में 44 मिमी और नाहन में 39 मिमी बारिश दर्ज की गई।
राज्य आपातकालीन अभियान केंद्र ने बताया कि भारी बारिश की वजह से शिमला में ठियोग के पास राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-5 सहित 20 सड़कें अवरुद्ध हो गईं। राज्य के कई हिस्सों में शुक्रवार से मध्यम से भारी बारिश दर्ज की गई है।
अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि शिमला के मध्य कृष्णा नगर इलाके में एक मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। घटना शनिवार सुबह करीब चार बजे हुई। उन्होंने बताया कि इस घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
उन्होंने बताया कि चंबा जिले के भरमौर इलाके में कुगती जोत के पास हुए भूस्खलन में लगभग 300 बकरियों की मौत हो गई और लगभग 50 अन्य घायल हो गईं। ये बकरियां नौ गड़रियों की थीं।
शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड के अधिकारियों ने बताया कि जल स्रोतों में भारी गाद के कारण अगले कुछ दिनों में जलापूर्ति प्रभावित होगी। उन्होंने लोगों से पानी का विवेकपूर्ण इस्तेमाल करने का अनुरोध किया है।