लोकसभा चुनाव की शुरुआत में जिस बात की सबसे ज्यादा चर्चा थी वह यह थी कि विपक्षी इंडिया गठबंधन को बिहार और महाराष्ट्र में अच्छी खासी सफलता मिल सकती है। महाराष्ट्र में तो यह दावा सही साबित हुआ। लेकिन बिहार में कहीं ना कहीं इंडिया गठबंधन पीछे रह गया। बिहार में इंडिया गठबंधन के प्रचार का पूरा जिम्मा राजद नेता और राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के ही पास ही रहा। तेजस्वी यादव ने बिहार में 250 से ज्यादा जनसभाएं और रोड शो किए हैं। पूरे चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने जबरदस्त तरीके से हुंकार भरी। उनके साथ वीआईपी पार्टी के मुकेश सहनी भी लगातार बने रहे।
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सोशल मीडिया पर भी जबरदस्त तरीके से भौकाल बनाने की कोशिश की गई। तेजस्वी की मेहनत को देखकर अच्छे प्रदर्शन का अनुमान लगाया जा रहा था। लेकिन वैसा नहीं हुआ। बिहार में राजद 23 और उसके कोटे से चुनाव लड़ रहे वीआईपी ने 3 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। बावजूद इसके इन 26 सीटों में से राजद सिर्फ चार सीटों पर ही जीतने में कामयाब रही। राजद को पाटलिपुत्र, जहानाबाद, औरंगाबाद और बक्सर लोकसभा सीटों पर जीत मिली थी। पाटलिपुत्र से मिसा भारती, जहानाबाद से सुरेंद्र यादव, औरंगाबाद अभय कुशवाहा और बक्सर से सुधाकर सिंह ने पार्टी की लाज बचाई है। बिहार में राजद का प्रदर्शन चिराग पासवान की पार्टी, जदयू, भाजपा जीतन राम मांझी, कांग्रेस से भी खराब रही है।
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इंडिया खेमे में शामिल उपेंद्र कुशवाहा को भी इस बार हार का सामना करना पड़ा है। वही सीपीआई और सीपीआईएम को भी एक-एक सीट पर चुनाव लड़ने का मौका मिला था जहां उन्हें हर का सामना करना पड़ा। बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं। इन 40 सीटों में से भाजपा और जदयू ने 12-12 सीटों पर जीत हासिल की है। चिराग पासवान की पार्टी ने 100% स्ट्राइक से 5 सीटों पर जीत हासिल की है। बिहार प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने 2025 का राज्य विधानसभा चुनाव अपनी सहयोगी पार्टी जद(यू) के अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ने के संकेत दिए हैं। राजधानी पटना में बृहस्पतिवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान चौधरी से 2025 का बिहार विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ने को लेकर पूछे गए एक प्रश्न पर कहा, ‘‘इसमें दिक्कत कहां है। भाजपा उनके नेतृत्व में 1996 से चुनाव लड़ रही है और आगे भी लड़ेगी।’’