देश के तेल-तिलहन कारोबार पर असर डालने वाले शिकॉगो एक्सचेंज के बंद होने के कारण सोमवार को दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में कारोबार में सुस्ती रही और अधिकांश तेल-तिलहनों के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे।
दूसरी ओर किसानों द्वारा नीचे भाव पर बिकवाली से बचने के कारण बाजार में आवक घटने से सरसों तेल तिलहन और सोयाबीन तिलहन के दाम में सााधरण सुधार दिखा। मूंगफली तेल-तिलहन, सोयाबीन तेल, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन, बिनौला तेल कीमतें पूर्वस्तर पर बंद हुईं।
कारोबारी सूत्रों ने कहा कि शिकॉगो एक्सचेंज बंद होने के बीच मलेशिया एक्सचेंज में ज्यादा घटबढ़ नहीं थी।
सूत्रों ने बताया कि सेंट्रल ऑर्गेनाइजेशन फॉर आयल इंडस्ट्री एंड ट्रेड (सीओओआईटी) ने कहा है कि सरकार ने सूरजमुखी और सोयाबीन रिफाइंड खाद्य तेल के आयात शुल्क में पांच प्रतिशत की कमी करते हुए इसे 17.5 प्रतिशत से घटाकर 12.5 प्रतिशत किया है उसका मामूली असर महीने डेढ़ महीने में दिख सकता है क्योंकि विदेशों में इन तेलों के आने में 40-45 दिन लगते हैं।
सूत्रों ने कहा कि सीओओआईटी का यह ख्याल हैरान करने वाला है। देश के इस प्रमुख संगठन के जिम्मेदार लोगों को इस बात की ओर भी ध्यान देना चाहिये कि रिफाइंड सूरजमुखी एवं सोयाबीन तेल पर पांच प्रतिशत आयात शुल्क घटाने के बाद भी 13.75 प्रतिशत का शुल्क रह गया है। इसके अलावा इस पर अलग से निर्यातक देश द्वारा प्रसंस्करण खर्च अलग से लगाया जायेगा।
दूसरी ओर देखें, तो पायेंगे कि कच्चा सूरजमुखी और सोयाबीन तेल पर आयात शुल्क 5.50 प्रतिशत है। देश में इस कच्चे तेल को रिफाइंड (प्रसंस्करण) करने में लगभग तीन रुपये किलो का खर्च बैठेगा। यानी सोयाबीन तेल का आयात कर प्रसंस्करण करने के बाद खर्च 7.50 रुपये किलो का बैठता है। जब कच्चेतेल का आयात कर उसका प्रसंस्करण करने की लागत रिफाइंड तेल आयात करने की लागत से लगभग 4.50 रुपये किलो नीचे होगी तो कौन रिफाइंड तेल मंगाने की हिम्मत करेगा?
सूत्रों ने कहा कि जब खाद्य तेलों के दाम बढ़ते हैं तो खल और रोजगार मुहैया कराने वाले तेल उद्योग पर छापे डाले जाते हैं लेकिन जो शुल्कमुक्त आयातित खाद्य तेल (30 जून तक) मंगाकर प्रीमियम राशि वसूल कर बेचे और किसी न किसी बहाने से अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) में कटौती करने में आनाकानी दिखाये, उन लोगों का कुछ नहीं किया जाता।
सोमवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:
सरसों तिलहन – 4,870-4,970 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली – 6,625-6,685 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 16,550 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली रिफाइंड तेल 2,470-2,745 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 9,500 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 1,610 -1,690 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 1,610 -1,720 रुपये प्रति टिन।
तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 10,300 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 10,000 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 8,550 रुपये प्रति क्विंटल।
सीपीओ एक्स-कांडला- 8,450 रुपये प्रति क्विंटल।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 9,100 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 9,500 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन एक्स- कांडला- 8,650 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
सोयाबीन दाना – 5,265-5,330 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन लूज- 5,030-5,105 रुपये प्रति क्विंटल।
मक्का खल (सरिस्का)- 4,010 रुपये प्रति क्विंटल।