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Delhi Double Murder | सास-ससुर की हत्यारी बहू अपने बॉयफ्रेंड के साथ बसाना चाहती थी घर! पति को भी मार कर संपत्ति बेचने का बनाया था प्लान

नयी दिल्ली। दिल्ली में रविवार को एक बुजुर्ग दंपति की बहू और उसके बॉयफ्रेंड ने कथित तौर पर हत्या कर दी। दो वरिष्ठ नागरिक अपने 70 के दशक से अपने बेटे, बहू और अपने पोते के साथ दिल्ली के गोकुलपुरी इलाके में रहते थे। पुलिस के मुताबिक, उनकी बहू मोनिका ने हत्या को अंजाम देने के लिए दो लोगों की मदद मांगी – जिनमें से एक को उसका बॉयफ्रेंड माना जाता है। वृद्ध व्यक्ति राधेश्याम वर्मा, एक सेवानिवृत्त सरकारी स्कूल उप प्रधानाचार्य, अपनी पत्नी के साथ भूतल पर रहते थे, जबकि मोनिका, उनके पति और उनके बेटे पहली मंजिल पर रहते थे। रविवार शाम 7 बजे मोनिका कथित तौर पर अपने प्रेमी और एक अन्य व्यक्ति को घर की छत पर ले गई, जहां वे रात में कुछ घंटों के लिए छिपे रहे और फिर बुजुर्ग दंपति के बेडरूम में घुसकर उनका गला रेत दिया। पुलिस ने कहा कि दंपति के बेटे रवि ने आखिरी बार अपने माता-पिता को रविवार रात 10.30 बजे देखा था।

सास-ससुर की हत्यारी बहू, बॉयफ्रेंड के साथ बसाना चाहती थी घर 

उत्तर पूर्व दिल्ली में अपने प्रेमी से अपने सास-ससुर की हत्या कराने वाली महिला ने पुलिस को बताया है कि वह महीनों से उन्हें मारने के बारे में सोच रही थी, क्योंकि उन्होंने उस पर पाबंदियां लगा दी थीं, लेकिन 1.30 करोड़ रुपये की संपत्ति बेचने के उनके फैसले ने उसे हत्या को जल्द अंजाम देने के लिये प्रेरित किया। पुलिस ने यह जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि 30 वर्षीय मोनिका वर्मा खुद संपत्ति बेचना चाहती थी और उस पैसे का इस्तेमाल अपने 29 वर्षीय प्रेमी आशीष के साथ घर बसाने के लिए करना चाहती थी। लेकिन, उसके ससुर राधेश्याम वर्मा और सास वीना ने द्वारका में नया घर खरीदने के लिए गोकलपुरी की संपत्ति का एक हिस्सा बेचने के लिये 12 फरवरी को सौदा कर लिया था। उन्होंने कहा कि इस फैसले ने मोनिका को अपने प्रेमी के साथ मिलकर जल्दी से हत्या की साजिश को अंजाम देने के लिए प्रेरित किया।

कैसे दिया पूरी वारदात को अंजाम 

पुलिस ने बताया कि मोनिका एवं आशीष योजना बनाने के लिये 20 फरवरी को एक होटल में मिले थे। उन्होंने दो नया नंबर लेने का फैसला किया और आशीष ने सिम कार्ड का इंतजाम किया। उसने मोनिका को एक नया सिम कार्ड उसके घर पर पहुंचाया।
पुलिस उपायुक्त (उत्तर पूर्व) जॉय तिर्की ने बताया, ‘‘हत्या से दो दिन पहले आशीष एवं मोनिका ने नये फोन नंबर पर बातचीत शुरू कर दी। रविवार की शाम को उसने उसे अपने घर बुलाया। आशीष अपने साथियों के साथ अंधेरा होने के बाद वहां पहुंच गया। मोनिका ने यह सुनिश्चित कर लिया कि घर खाली था, इसके बाद उसने पिछले दरवाजे से उनलोगों को घर के अंदर बुलाया। उसने अपने सास और ससुर को स्थानीय बाजार में भेज दिया था। उसके ससुर अपनी दुकान पर थे और रात आठ बजे के बाद घर लौटे।’’
अधिकारी ने बताया कि आशीष और उसके दोस्त छत पर छिप गये। उन्होंने बताया कि मोनिका ने उन्हें सॉफ्ट ड्रिंक और स्नैक्स खाने को दिया।

उन्होंने बताया, ‘‘देर रात 1:15 बजे के बाद आशीष ने मोनिका को फोन कर बताया कि वह नीचे आ रहा है और उसे अपने कमरे से बाहर नहीं निकलना चाहिये। उन्होंने इस अवधि में बातचीत जारी रखी और देर रात करीब 2:12 बजे आशीष ने उसे फोन कर कहा कि वह निकल रहा है और उसने अपना काम (हत्या करने का) कर दिया है।
डीसीपी तिर्की ने बताया कि मोनिका के पति 38 वर्षीय रवि रतन को मोनिका के विवाहेतर प्रेम संबंध के बारे में पता था और इससे परिवार में तनाव का माहौल बन गया था। बाद में, रवि के माता-पिता क्रमश: वीना और राधे श्याम वर्मा को भी इसके बारे में पता चल गया था और वे उस पर नज़र रखने लगे थे, जिससे मोनिका परेशान थी।
पूछताछ में मोनिका ने पुलिस को बताया कि उसके सास ससुर ने गाजियाबाद के रहने वाले आशीष के साथ संबंध को लेकर उस पर कई पाबंदियां लगाई थीं।पुलिस ने बताया कि इससे निराश होकर उन्होंने दिसंबर में राधेश्याम (72) और उनकी पत्नी वीणा (68) को मारने की योजना बनानी शुरू कर दी थी।
आशीष और उसके दोस्त को गिरफ्तार करने का प्रयास किया जा रहा है। तिर्की ने कहा कि आशीष की लोकेशन का पता उत्तराखंड से चला है।
सीसीटीवी फुटेज से खुलासा हुआ है कि आशीष और उसके दोस्त ने हेलमेट पहना था और अपराध को अंजाम देने के बाद वे मोटरसाइकिल से निकल गए। उन्होंने कहा कि इस बात की पुष्टि हो गई है कि मोटरसाइकिल पर पीछे बैठा व्यक्ति आशीष था।
मोनिका और रतन की शादी 2016 में हुयी थी और दोनों का छह साल का एक बेटा है। विवाह के बाद मोनिका ने नौकरी छोड़ दी थी।

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