Breaking News

Himachal के सामने ‘पहाड़ जैसी चुनौती’, CM Sukhu बोले- इस त्रासदी से उभरने में एक साल लगेगा

हिमाचल प्रदेश मूसलाधार मानसूनी बारिश के कारण नष्ट हुए बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण के लिए एक वर्ष का लंबा समय लग सकता है। यह बात राज्य के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कही। उन्होंने दावा किया कि राज्य इससे निपटने में सक्षम है। सुक्खू ने खुलासा किया कि भारी बारिश के दो गंभीर दौरों के दौरान हुए विनाश की अनुमानित लागत – एक चालू सप्ताह में और दूसरी जुलाई में – कुल मिलाकर लगभग 10,000 करोड़ रुपये है। इस सप्ताह राज्य में बारिश के चलते भूस्खलन की घटनाएं हुईं, जिनके चलते सड़कें बंद हो गईं और घर ढह गए। लगभग 60 लोगों की मौत हो गई तथा कुछ और लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है। 
 

इसे भी पढ़ें: Explained | हिमाचल प्रदेश में 2023 में रिकॉर्ड तोड़ बारिश क्यों हो रही है? मौसम की विसंगति या मानव निर्मित आपदा?

हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज कई क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने कहा कि कांगड़ा से 650 लोगों को निकाला गया। कांगड़ा में अभी भी करीब 100 लोग फंसे हुए हैं, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। शिमला में एक और शव बरामद हुआ है। राज्य को करीब 10 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। हमें राज्य के बुनियादी ढांचे के पुनर्विकास में लगभग 1 साल लगेंगे। उन्होंने कहा कि हमें एक वर्ष में बुनियादी ढांचे को पूरी तरह से बहाल करना होगा। मैं इसी को ध्यान में रखकर काम कर रहा हूं। यह एक बड़ी चुनौती है, पहाड़ जैसी चुनौती है। लेकिन हम पीछे हटने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जगह-जगह इमारतें जल प्रवाह के प्राकृतिक मार्ग को बाधित करती हैं, और संरचनाओं को तैयार करने पर बहुत कम ध्यान दिया जाता है। 
 

इसे भी पढ़ें: Himachal Pradesh में भारी बारिश से 29 लोगों की गई जान, Amit Shah ने जताया दुख, JP Nadda ने भी CM से की बात

हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने कहा कि राज्य सरकार हर संभव मदद उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है। हम भी लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस प्राकृतिक आपदा के समय सब मिलकर काम कर रहे हैं…लोगों के लिए आश्रय की व्यवस्था की जा रही है। राज्यपाल ने कहा कि SDM को निर्देश दिए गए हैं कि जिन पेड़ों को कटवाना आवश्यक है, उन्हें कटा दें जिससे लोगों के घरों की सुरक्षा हो सके। लगभग 250- 300 परिवार आश्रय गृह और सामुदायिक केंद्र में रह रहे हैं। हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि कृष्णानगर घनी आबादी वाला इलाका है और यहां बड़े पैमाने पर क्षति हुई है। करीब 250 परिवारों जो प्रभावित हुए हैं उनके लिए सामुदायिक केंद्रों में रहने की व्यवस्था की गई है…कई राष्ट्रीय और राज्य राजमार्ग बंद हैं। उन्हें खोलने का प्रयास कर रहे हैं। हम पर्यटकों से अपील करेंगे कि यात्रा के दौरान सतर्क रहें। 

Loading

Back
Messenger