मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने आगामी राज्य विधानसभा चुनाव में जबलपुर के सिहोरा सुरक्षित सीट से कांग्रेस की आदिवासी उम्मीदवार एकता ठाकुर के जाति प्रमाण पत्र की प्रमाणिकता की जांच करने का निर्देश अधिकारियों को देने का अनुरोध करने वाली याचिका पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया।
ठाकुर मध्य प्रदेश में कांग्रेस द्वारा मैदान में उतारी गई 30 महिला उम्मीदवारों में से एक हैं जबकि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 230 सदस्यीय राज्य विधानसभा के लिए 17 नवंबर को होने वाले चुनाव में 28 महिलाओं को प्रत्याशी बनाया है।
कांग्रेस ने सभी 230 सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, जबकि भाजपा ने अब तक 228 विधानसभा क्षेत्रों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की है।
सिहोरा सीट अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदाय के लिए आरक्षित है।
याचिकाकर्ताओं के वकील ने बताया कि न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की एकल पीठ ने बुधवार को ठाकुर के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किया।
याचिकाकर्ताओं के वकील रोहित पैगवार ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि जबलपुर जिले के कुंडम तहसील के एक आदिवासी समुदाय की रेणुका बाई और नवल सिंह बरकड़े ने अपनी याचिका में राज्य सरकार और अन्य को कांग्रेस उम्मीदवार एकता ठाकुर के आदिवासी जाति प्रमाण पत्र की वास्तविकता की जांच करने के निर्देश देने का अनुरोध किया है।याचिकाकर्ताओं ने सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत ठाकुर को जाति प्रमाण पत्र जारी करने से संबंधित दस्तावेज मांगे।
उन्होंने कहा कि लेकिन संबंधित विभाग के पास ये कागजात उपलब्ध नहीं होने के आधार पर उन्हें दस्तावेज देने से इनकार कर दिया गया। पैगवार ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ताओं ने संबंधित अधिकारियों से शिकायत की है, लेकिन उनकी कार्रवाई का इंतजार है।
अदालत ने एकता ठाकुर, राज्य सरकार, जबलपुर जिला कलेक्टर, शाहपुरा और पाटन (जबलपुर) के उपविभागीय अधिकारी और अतिरिक्त कलेक्टर (ग्रामीण) जबलपुर को नोटिस जारी किए।