बाहुबली पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की गैंगस्टर मामले में बुधवार को बाराबंकी की विशेष एमपी-एमएलए अदालत में वर्चुअल माध्यम से पेशी हुई।
अंसारी के वकील रणधीर सिंह सुमन ने यहां बताया कि गैंगस्टर एक्ट के मामलों में बाराबंकी जिले की एमपी-एमएलए अदालत के न्यायाधीश कमल कांत श्रीवास्तव के सामने वर्चुअल माध्यम से अंसारी की पेशी हुई।
उन्होंने बताया कि पेशी के दौरान अंसारी ने खुद को एक बार फिर निर्दोष बताया। वकील के अनुसार, मुख्तार ने कहा कि पंजाब की रोपड़ जेल में बंद रहने के दौरान उसके द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली निजी एम्बुलेंस का पंजीयन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कराए जाने के मामले के वक्त वह मऊ सीट से विधायक था।
उस दौरान राज्य सरकार की अनुमति के बगैर उस पर कोई मुकदमा नहीं दर्ज किया जा सकता था।
सुमन ने बताया कि इसके बाद अदालत ने मामले की सुनवाई की अगली तारीख 22 मई नियत कर दी।
गौरतलब है कि पंजाब की रोपड़ जेल में बंद रहने के दौरान मुख्तार अंसारी द्वारा पेशी पर जाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली निजी एम्बुलेंस का पंजीकरण मऊ की डॉक्टर अलका राय के अस्पताल के नाम पर था।
एंबुलेंस का पंजीकरण बाराबंकी के सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय में कथित रूप से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कराया गया था।
पिछले साल यह मामला प्रकाश में आने के बाद बाराबंकी कोतवाली में मुख्तार अंसारी, डॉक्टर अलका राय और उसके अस्पताल के निदेशक सहित कई लोगों के खिलाफ जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया गया था।
सुमन ने बताया कि पेशी के दौरान अंसारी ने विशेष सत्र न्यायाधीश कमलकांत श्रीवास्तव के सामने सबसे पहले ‘मी लार्ड! शुक्रिया’ कहकर उनका आभार जताया और कहा, साहब आपकी कृपा से मैंने लखनऊ के लजीज आम और केले का स्वाद चख लिया है।
उन्होंने बताया कि पिछली 10 मई को अंसारी ने बाराबंकी की इसी अदालत में वर्चुअल पेशी के दौरान लखनऊ के आम और केले खाने की इच्छा जाहिर की थी और अदालत से फरियाद की थी कि उसे यह फल मुहैया करा दिये जाएं।
वकील ने बताया, अंसारी ने अनुरोध किया था कि उसके वकील जब बांदा जेल में उससे मिलने जाएं तो उन्हें लखनऊ के आम और केले लाने की अनुमति दे दी जाए। उसके बाद अदालत ने इसकी इजाजत दे दी थी।