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मुंबई की एक अदालत ने संघ से जुड़ी टिप्पणी पर जावेद अख्तर को समन जारी किया

मुंबई की एक अदालत ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खिलाफ कथित टिप्पणी को लेकर एक वकील की ओर से दायर मानहानि के मामले में गीतकार जावेद अख्तर को मंगलवार को समन जारी किया।
जावेद अख्तर ने पिछले साल एक टेलीविजन साक्षात्कार के दौरान संघ को लेकर टिप्पणी की थी।
अधिवक्ता संतोष दुबे ने पिछले साल अक्टूबर में 77 वर्षीय गीतकार-कवि के खिलाफ उपनगरीय मुलुंड में मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 499 (मानहानि) और 500 (मानहानि की सजा) के तहत शिकायत दर्ज की थी।

दरअसल, जावेद अख्तर ने एक टेलीविजन साक्षात्कार के दौरान अगस्त 2021 में अफगानिस्तान में कट्टरपंथी संगठन तालिबान के सत्ता पर कब्जा करने की पृष्ठभूमि में कथित तौर पर तालिबान और संघ की तुलना की थी।
खुद के संघ समर्थक होने का दावा करते हुए अधिवक्ता संतोष दुबे ने कहा कि गीतकार ने राजनीतिक फायदे के लिए सुनियोजित ढंग से अनावश्यक रूप से सांघ का नाम इस विवाद में घसीटा था।
संक्षिप्त बहस सुनने और रिकॉर्ड पर मौजूद दस्तावेजों के अवलोकन के बाद मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पी.के. राउत ने जावेद अख्तर को इस सिलसिले में समन जारी किया।
शिकायतकर्ता ने कहा कि मामला छह फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया गया, उस दिन अख्तर को अदालत में पेश होना होगा।

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