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ज्ञानवापी पर हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जायेंगे मुस्लिम पक्षः रशीद फरंगी

 लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग तथा वजूखाने को छोड़ कर अन्य स्थानों पर एएसआई सर्वे करे या नहीं इस मामले की सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जैसे ही एएसआई को सर्वे को मंजूरी दी,इस पर प्रतिक्रिया भी आनी शुरू हो गई है. उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण करने की अनुमति देने पर कहा कि मैं आदेश का स्वागत करता हूं।
 

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मुझे विश्वास है कि एएसआई के सर्वेक्षण से सच्चाई सामने आएगी और इस विवाद का भी निस्तारण वहीं इस आदेश  पर लखनऊ ईदगाह के इमाम और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि मुस्लिम पक्ष इस आदेश को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने के बारे में सोचेगा। हमें उम्मीद है कि न्याय होगा क्योंकि यह मस्जिद लगभग 600 साल पुरानी है और मुसलमान पिछले 600 सालों से वहां नमाज अदा करते आ रहे हैं। हम यह भी चाहते हैं कि देश के सभी पूजा स्थलों पर पूजा स्थल अधिनियम लागू किया जाए।वहीं समाजवादी पार्टी के सांसद डॉ. एसटी हसन ने इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के एएसआई के सर्वेक्षण की अनुमति देने पर कहा,‘हम अदालत के आदेशों का पालन करेंगे.’ 
 

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गौरतलब हो,इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर ने इस तरह के सर्वे के वाराणसी जिला जज के फैसले के खिलाफ दायर अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद की याचिका खारिज कर दी है। हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद नेताओं ने इस मामले में प्रतिक्रिया देना शुरु कर दिया है।

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