आस्था और अध्यात्म के सबसे बड़े पर्व महाकुंभ में हुए दर्दनाक हादसे ने पूरे देश को गहरे शोक में डाल दिया है। इस भयावह दुर्घटना में कई निर्दोष श्रद्धालुओं ने अपनी जान गंवा दी, जबकि सैकड़ों घायल हुए हैं। यह केवल एक हादसा नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर की त्रासदी है, जिसने हर भारतीय के मन को झकझोर कर रख दिया है। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (MRM) ने इस त्रासदी को अत्यंत पीड़ादायक बताते हुए दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की है और पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। मंच ने इस कठिन समय में प्रशासन को हर संभव सहयोग देने का संकल्प लिया है और राहत कार्यों में भी सक्रिय भूमिका निभा रहा है।
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मंच के राष्ट्रीय संयोजक एवं मीडिया प्रभारी शाहिद सईद ने हादसे को राष्ट्रीय क्षति करार देते हुए कहा कि “महाकुंभ केवल संपूर्ण भारतीय संस्कृति और गौरव का प्रतीक है। इस प्रकार की त्रासदियों से न केवल एक समुदाय, बल्कि पूरे देश की आत्मा आहत होती है।” उन्होंने कहा कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच पीड़ित परिवारों के साथ खड़ा है और इस कठिन घड़ी में हरसंभव मदद करेगा। मंच की टीम राहत एवं बचाव कार्यों में प्रशासन का सहयोग कर रही है और ज़रूरतमंदों तक भोजन एवं चिकित्सा सहायता पहुंचा रही है। मंच ने कहा कि हमारा नैतिक और सामाजिक कर्तव्य है कि हम इस संकट में पीड़ितों की मदद करें और सरकार से मांग करें कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
मोदी और योगी को मुस्लिम राष्ट्रीय मंच भेजेगा पत्र
महाकुंभ हादसे को लेकर मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने शुक्रवार को एक ऑनलाइन और ऑफलाइन आपात बैठक बुलाई, जिसमें मंच के 200 से अधिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। इस बैठक में निर्णय लिया गया कि मंच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक भावनात्मक पत्र लिखेगा। इस पत्र में मंच हादसे पर गहरी संवेदना व्यक्त करेगा और सरकार के राहत कार्यों में पूर्ण समर्थन देने की पेशकश करेगा। मंच ने यह स्पष्ट किया है कि इस समय राजनीतिक मतभेदों को दरकिनार रखते हुए संपूर्ण राष्ट्र को एकजुट होकर पीड़ितों की सहायता करनी चाहिए। मंच ने कहा कि “यह समय संवेदना और एकता दिखाने का है। महाकुंभ हादसा हम सभी के लिए एक चेतावनी है कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। मंच सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करेगा और पीड़ित परिवारों को हरसंभव मदद प्रदान करेगा।” मंच की ओर से भेजे जाने वाले पत्र में यह मांग की जाएगी कि इस तरह की दुर्घटनाओं की विस्तृत जांच हो और भविष्य में कुंभ जैसे विशाल आयोजनों में सुरक्षा और आपदा प्रबंधन के लिए दीर्घकालिक नीति बनाई जाए।
बैठक में मोहम्मद अफजाल, विराग पाचपोर, डॉ. शाहिद अख्तर, गिरीश जुयाल, डॉ. शालिनी अली, सैयद रजा हुसैन रिजवी, डॉ. माजिद तालिकोटी, इस्लाम अब्बास, इरफान अली पीरजादा, एस के मुद्दीन, अबु बकर नकवी, शाहिद सईद, फारूक खान, हाफिज साबरीन, इमरान चौधरी, फैज खान, मज़ाहिर खान, ठाकुर राजा रईस, मोहम्मद अजहरुद्दीन, फरीद साबरी, समर अब्बास रिजवी, अल्तमश कबीर, शाकिर हुसैन समेत अनेकों गणमान्य कार्यकर्ताओं ने ऑनलाइन शिरकत की।
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राहत एवं बचाव कार्यों में जुटी MRM
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच राहत और बचाव कार्यों में भी सक्रिय रूप से भाग ले रहा है। मंच के कर्मठ कार्यकर्ता प्रशासन के साथ मिलकर राहत शिविरों में घायलों की सहायता कर रहे हैं, भोजन, पानी और आवश्यक दवाइयां पहुंचा रहे हैं। मंच के राष्ट्रीय संयोजकों, राज्य संयोजकों और कार्यकर्ताओं ने विभिन्न इलाकों में आपदा पीड़ितों के लिए विशेष भोजन शिविरों की व्यवस्था की ताकि कोई भी भूखा न रहे। मंच के स्वयंसेवक लगातार प्रभावित परिवारों के संपर्क में हैं और उन्हें हरसंभव सहायता प्रदान कर रहे हैं। प्रयागराज के रौजा दरगाह चौक पर स्थित रौजा गाजी मियां की दरगाह में भी कुंभ के श्रद्धालुओं की व्यवस्था की गई है। मंच के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. शाहिद अख्तर ने इस त्रासदी को अत्यंत दर्दनाक बताते हुए कहा कि “महाकुंभ केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और सनातन परंपरा की जीवंतता का प्रतीक है। इस महासंगम में हजारों-लाखों श्रद्धालु पुण्य अर्जित करने आते हैं। इस तरह की त्रासदियों से पूरा देश आहत होता है।” उन्होंने सरकार से इस हादसे की विस्तृत जांच कराने और सुरक्षा इंतज़ामों को और सुदृढ़ करने की मांग की।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की सरकार से मांग:
1. हादसे की निष्पक्ष और गहरी जांच कराई जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
2. पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा और घायलों का मुफ्त इलाज सुनिश्चित किया जाए।
3. कुंभ जैसे आयोजनों में आपदा प्रबंधन टीमों की संख्या बढ़ाई जाए और तकनीकी सहायता का अधिकतम उपयोग किया जाए।
4. सुरक्षा उपायों के लिए दीर्घकालिक रणनीति बनाई जाए, जिसमें आधुनिक तकनीक के जरिए भीड़ नियंत्रण के उपाय किए जाएं।