2002 के गुजरात दंगों के दौरान 11 मुस्लिमों से जुड़े नरौदा गाम नरसंहार से जुड़े मामले में गुरुवार को एक विशेष अदालत अपना फैसला सुनाया है। एसआईटी मामलों के विशेष जज एसके बक्शी की कोर्ट ने 68 आरोपियों को बरी कर दिया है। बता दें कि पूर्व मंत्री माया कोडनानी और बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी समेत 86 लोगों को हत्या, आपराधिक साजिश, दंगा और आगजनी का आरोपी बनाया गया था। इस मामले में 18 आरोपियों की मौत हो चुकी है।
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डिफेंस वकील राजेश मोदी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि 28 फरवरी 2002 को नरोदा गाम में कुछ हादसे हुए जिसमें 11 लोगों की जान गई थी और कुछ घरों को जलाया गया था। कोर्ट ने 2009 में 83 आरोपियों पर चार्ज फ्रेम किया था। आज कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। बता दें कि गोधरा ट्रेन आगजनी की घटना के एक दिन बाद 28 फरवरी, 2002 को अहमदाबाद के नरोडा गांव में 11 लोगों को जिंदा जला दिया गया था। विशेष न्यायाधीश शुभदा बक्शी ने शाम करीब 5.30 बजे फैसला सुनाया और अदालत के बाहर आरोपियों के रिश्तेदारों ने जय श्री राम और भारत माता की जय के नारों के साथ उनका स्वागत किया।
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बता दें कि गोधरा में ट्रेन आगजनी की घटना में अयोध्या से लौट रहे 58 यात्रियों की मौत के एक दिन बाद 28 फरवरी 2002 को अहमदाबाद शहर के नरोदा गाम इलाके में दंगों के दौरान कम से कम 11 लोग मारे गए थे। नरोदा ग्राम मामले में आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास), 143 (गैरकानूनी जमावड़ा), 147 (दंगा), 148 (घातक हथियारों से लैस होकर दंगा करना), 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत मुकदमा चल रहा था।