राजस्थान विधानसभा ने नाथद्वारा मंदिर (संशोधन) विधेयक 2022 एवं श्री सांवलिया जी मंदिर (संशोधन) विधेयक 2022 को शुक्रवार को ध्वनिमत से पारित कर दिया।
देवस्थान मंत्री शकुंतला रावत ने दोनों विधेयक चर्चा के लिए सदन में प्रस्तुत किये।
सदन में विधेयकों पर हुई चर्चा के बाद देवस्थान मंत्री ने विधेयकों के उद्देश्यों एवं कारणों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि दोनों विधेयक उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार लाए गये हैं।
उन्होंने कहा कि इस संशोधन से पहले दोनों मंदिरों के बोर्ड में बोलने और सुनने में अक्षम तथा कुष्ठ रोगी इसके सदस्य नहीं बन सकते थे, इस कारण उनके मन में कुंठा होती थी।
उन्होंने कहा कि दोनों विधेयक उनकी भावनाओं को सम्मान देने के साथ ही उनकी हीन भावना समाप्त करेंगे।
रावत ने बताया कि इन विधेयकों के पारित होने से अब बोलने और सुनने में अक्षम तथा कुष्ठ रोगी भी इन मंदिरों के बोर्ड में अध्यक्ष एवं सदस्य बन सकेंगे और धार्मिक अनुष्ठान में हिस्सा ले सकेंगे।
उन्होंने कहा कि देवस्थान विभाग हमारी संस्कृति और आस्थाओं के संरक्षण का काम कर रहा है और विभिन्न धार्मिक स्थलों का जीर्णोद्धार करवाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पुजारियों के मानदेय में वृद्धि की है। उन्होंने बताया कि देवस्थान विभाग के माध्यम से कोरोना के दौरान मोक्ष-कलश योजना चलाई गई एवं वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना के माध्यम से प्रदेशवासियों को तीर्थ यात्रा करवाई जा रही है।
इससे पहले दोनों विधेयकों को सदस्यों द्वारा जनमत जानने के लिए प्रचारित करने के प्रस्ताव को सदन ने ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिया।
विधानसभा की कार्यवाही 28 फरवरी तक स्थगित कर दी गई।