जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों से मुगलों पर अध्याय हटाने के बारे में कहा कि इतिहास को बदला नहीं जा सकता। अपने बयान में उन्होंने कहा कि इतिहास को बदला नहीं जा सकता। आपके पास लाल किला, ताजमहल और अन्य स्मारक हैं जो इतिहास हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि तारीख मिट नहीं सकती। उन्होंने सवाल किया कि आप कितना इसको किताबों से निकालेंगे? शाहजहां, अकबर, हुमायूं, जहांगीर को कैसे भूल जाएंगे?
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फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि 800 साल हुकुमत की (मुगलों ने) कभी किसी हिंदू, ईसाई, सिख को खतरा नहीं लगा। उन्होंने कहा कि लाल किला, हुमायूं का मकबरा को कैसे छुपाएंगे? यह (केंद्र सरकार) अपने पैर पर खुद कुल्हाड़ी मार रहे हैं। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने कक्षा 12 की इतिहास की किताबों सहित विभिन्न कक्षाओं के लिए अपनी पुस्तकों में संशोधन किया और मुगल साम्राज्य के अध्यायों को हटा दिया। परिवर्तन पूरे देश में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम का पालन करने वाले सभी स्कूलों पर लागू होंगे। इसको लेकर विवाद जारी है।
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राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की 11वीं कक्षा की समाजशास्त्र की पुस्तक से गुजरात दंगों का उल्लेख हटा दिया गया है। कुछ ही महीने पहले 12वीं कक्षा की दो पाठ्यपुस्तकों से 2002 की सम्प्रदायिक हिंसा का अंश हटा दिया गया था। पूरे विवाद पर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने का प्रयास करने वाले खुद ‘इतिहास के कूड़ेदान’ में पहुंच जाते हैं। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जितना भी प्रयास कर लें, लेकिन इतिहास बदलने वाला नहीं है।