राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने नववर्ष की पूर्व संध्या पर शनिवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार 2022 में किये गये वादे पूरे करने में नाकाम रही।
राकांपा के प्रवक्ता महेश तापसे ने एक बयान जारी कर सवाल किया कि क्या केंद्र सरकार के पास विकास और कर्ज के भुगतान की कोई रूपरेखा है।
तापसे ने पूछा कि क्या देश को 2023 में नये ‘जुमले’ की उम्मीद करनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘अब 2022 के केवल कुछ ही घंटे बचे हैं तो यह वक्त है कि देश भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार द्वारा किए वादों पर एक नजर डाले।
सकल घरेलू उत्पाद वादे के मुताबिक 10 प्रतिशत के मुकाबले 2022 में 6.5 प्रतिशत पर है। किसानों की आय दोगुनी नहीं हुई और न ही 100 प्रतिशत सिंचाई का लक्ष्य हासिल हुआ है।’’
उन्होंने दावा किया कि मोदी सरकार ने कुपोषण का उन्मूलन, चौबीसों घंटे बिजली, सभी ग्राम पंचायतों में 100 फीसदी ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी के साथ ही सभी के लिए डिजिटल साक्षरता और पांच हजार अरब डॉलर अर्थव्यवस्था का वादा किया था।
तापसे ने आरोप लगाया कि भाजपा के आठ साल के शासन में केंद्र सरकार की उधारी 2022 में 80 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गयी है, रुपये की कीमत अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 82 रुपये है, जबकि दो लाख लोगों ने भारतीय नागरिकता छोड़ दी और पलायन कर गए हैं।