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NDPP-BJP ने एग्जिट पोल के अनुमानोंका स्वागत किया

नगालैंड में एनडीपीपी-भाजपा गठबंधन ने मंगलवार को एग्जिट पोल आधारित उन अनुमानों का स्वागत किया जिसमें इसकी (गठबंधन की) मौजूदा सरकार को राज्य में दूसरा कार्यकाल मिलता दिखाया गया है। इस बीच, गठबंधन ने अगली नगालैंड सरकार साथ मिलकर चलाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को फिर से दोहराया है।
पूर्वोत्तर के इस राज्य में एनडीपीपी-भाजपा गठबंधन चुनाव पूर्व का एक मात्र गठबंधन था औरइसने नगालैंड की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए 27 फरवरी को हुए चुनाव में 40:20 के अनुपात में सीट का बंटवारा कर भाग लिया था।

विभिन्न एजेंसियों के एग्जिट पोल में एनडीपीपी-भाजपा गठबंधन को बढ़त दिखाई गई है और दावा किया है कि गठबंधन विधायकों की बढ़ी हुई संख्या के साथ लगातार दूसरी बार सरकार बना सकता है।
नगालैंड में सोमवार को कुल 83.63 फीसदी मतदान हुआ था। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में गठबंधन को 30 सीट पर विजय मिली थी, जिसमें से एनडीपीपी ने 18 सीट और भाजपा ने 12 सीट जीती थी।
लेकिन मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा की नेशनल पीपुल्स पार्टी के दो विधायकों, जदयू के एक विधायक और एक निर्दलीय विधायक के सहयोग से गठबंधन नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ)के 15 साल के शासन को खत्म करने में सफल रहा।

एनडीपीपी के मुख्य प्रवक्ता मेरेंटोशी आर जमीर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि उनकी पार्टी को 25 से अधिक सीट पर जीत मिलने की उम्मीद है और वह भाजपा के साथ फिर से सरकार चलाएगी।
भाजपा ने भी यह साफ कर दिया है कि वह केंद्र में अन्य दलों के साथ साझेदारी कर सकती है, लेकिन नगालैंड में इसकी एकमात्र सहयोगी एनडीपीपी होगी।
नगालैंड भाजपा के प्रवक्ता कुपुटो शोहे ने कहा कि जीत मिलने पर दोनों दल गठबंधन साझीदार के रूप में शासन करेंगे।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रदेश अध्यक्ष वनथुंगो ओड्यूओ ने कहा कि उनकी पार्टी ने जिन 12 सीट पर चुनाव लड़ा उनमें से पांच-छह पर जीत हासिल करेगी।
राकांपा का विधानसभा में फिलहाल कोई सदस्य नहीं है, लेकिन इसने वर्ष 2008 में दो और वर्ष 2013 में चार सीट जीती थी। लेकिन दो कार्यकाल के दौरान राकांपा विधायक सत्ताधारी एनपीएफ में शामिल हो गये थे।
कांग्रेस ने चुनाव परिणाम की घोषणा से पहले कोई बयान देने से किनारा कर लिया है।

नगालैंड में वर्ष 2003 तक कांग्रेस का शासन था, लेकिन मौजूदा विधानसभा में उसके पास कोई विधायक नहीं है।
खास बात यह कि नगालैंड के वर्ष 1963 में राज्य बनने के बाद से यहां कोई महिला विधायक नहीं बन सकी है। ऐसे में सबकी नजरें चार महिलाओं-कांग्रेस की रोजी थॉमसन, एनडीपीपी की हेखानी जाखालु और सल्हौतुओनुओ क्रूस तथा भाजपा के काहुली सेमा पर टिकी हैं।
मतगणना दो मार्च को होगी, लेकिन एक सीट भाजपा ने निर्विरोध जीत ली है।

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