राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) ने भौतिकी के बाद रसायन विज्ञान और फिर जीव विज्ञान में प्राप्त अंकों को प्राथमिकता देते हुए समान नीट ‘स्कोर’ वाले अभ्यर्थियों की ‘रैंक’ निर्धारित करने की प्रक्रिया की समीक्षा करने का फैसला किया है।
यह जीव विज्ञान के बाद रसायन विज्ञान और फिर भौतिकी में प्राप्त अंकों को प्राथमिकता देने की मौजूदा परंपरा के उलट है।
हाल में जारी स्नातक चिकित्सा शिक्षा नियमन-2023 के अनुसार, यदि विषय के अंक समान अंक का समाधान नहीं करते हैं, तब मेधा सूची के लिए कंप्यूटर के जरिये ‘ड्रॉ’ निकाला जाएगा,जिसमें कोई मानवीय हस्तक्षेप नहीं होगा।
नये नियमन दो जून को अधिसूचित किये गये हैं,जिन्हें अगले साल से लागू किये जाने की संभावना है।
सूत्रों ने बताया कि स्नातक मेडिकल पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट), और एनएमसी इस मुद्दे पर आगे चर्चा करेगा।नियमन के मुताबिक, ‘‘नीट-यूजी में शामिल हो रहे छात्रों के अंक समान आने के मामले में, भौतिकी के बाद रसायन विज्ञान और फिर जीव विज्ञान में प्राप्त अंकों पर विचार किया जाएगा ;इसके बाद भी अंक समान पाये जाने पर मानवीय हस्तक्षेप के बगैर कंप्यूटर का उपयोग कर ‘ड्रॉ’ निकाला जाएगा और योग्य उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा।’’
नीट-यूजी के नतीजे इस साल 13 जून को घोषित किये जाएंगे।
मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार, यदि दो या अधिक अभ्यर्थियों को समान अंक/पर्सेंटाइल प्राप्त होते हैं, तो ‘टाई-ब्रेकर’ नियम के जरिये उनके रैंक का फैसला किया जाएगा।
जीव विज्ञान में अधिक अंक पाने वाले अभ्यर्थी को शेष से ऊपर रखा जाएगा। जीवविज्ञान में समान अंक रहने पर, यही नियम रसायन विज्ञान और भौतिकी पर लागू किया जाएगा। यदि फिर भी अंक समान रहते हैं तो अधिक उम्र वाले अभ्यर्थी को उच्चतर रैंक दिया जाएगा।