दिल्ली के तीन मूर्ति भवन परिसर में स्थित नेहरू स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय सोसायटी का नाम बदलकर ‘प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्कालय सोसायटी’ कर दिया गया है। हालांकि, इसको लेकर राजनीतिक बवाल भी जारी है। कांग्रेस पूरे मामले पर सवाल उठा रही है और दावा कर रही है कि केंद्र सरकार इतिहास मिटाने की कोशिश कर रही है। वहीं भाजपा की ओर से भी अब पलटवार किया गया है। भाजपा ने साफ तौर पर कहा है कि प्रधानमंत्री संग्रहालय में हर पीएम को सम्मान मिला है।
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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर पलटवार करते हुए भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि राजनीतिक अपच का उत्कृष्ट उदाहरण- एक साधारण तथ्य को स्वीकार करने में असमर्थता कि एक वंश से परे ऐसे नेता हैं जिन्होंने हमारे देश की सेवा की और निर्माण किया है। पीएम संग्रहालय राजनीति से परे एक प्रयास है और कांग्रेस के पास इसे साकार करने के लिए दृष्टि का अभाव है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर कांग्रेस का दृष्टिकोण विडंबनापूर्ण है क्योंकि उनकी पार्टी का एकमात्र योगदान पिछले सभी प्रधानमंत्रियों की विरासत को मिटाना है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि केवल एक परिवार की विरासत बची रहे।
नड्डा ने दावा किया कि पीएम संग्रहालय में हर पीएम को सम्मान मिला है। पंडित नेहरू से संबंधित धारा में बदलाव नहीं किया गया है। इसके विपरीत, इसकी प्रतिष्ठा बढ़ा दी गई है। उन्होंने कहा कि एक ऐसी पार्टी के लिए जिसने भारत पर 50 से अधिक वर्षों तक शासन किया, उनकी तुच्छता वास्तव में दुखद है। यही कारण भी है कि लोग उन्हें नकार रहे हैं।
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अपने एक ट्वीट में मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जिनका कोई इतिहास ही नहीं है, वो दूसरों के इतिहास को मिटाने चले हैं! उन्होंने कहा कि नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय का नाम बदलने के कुत्सित प्रयास से, आधुनिक भारत के शिल्पकार व लोकतंत्र के निर्भीक प्रहरी, पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की शख़्सियत को कम नहीं किया जा सकता। इससे केवल भाजपा-आरएसएस की ओछी मानसिकता और तानाशाही रवैये का परिचय मिलता है। मोदी सरकार की बौनी सोच, ‘हिन्द के जवाहर’ का भारत के प्रति विशालकाय योगदान कम नहीं कर सकती!