नेस्ले इंडिया ने एस एम सहगल फाउंडेशन और नूह जिले के स्थानीय समुदायों के साथ मिलकर हरियाणा के नूह जिले के पाँच गाँवोंमें बड़ा बदलाव लाने का काम किया है। पायलट प्रोजेक्ट चार साल पहले लॉन्च हुआ था और साल-दर-साल मजबूत होता जा रहा है। प्रोजेक्ट वृद्धि का लक्ष्य है ग्रामीण स्वच्छता, पोषण, डिजिटल साक्षरता, शिक्षा, खेत के प्रबंधन, तालाब के कायाकल्प, जल संरक्षण में सुधार और कृषि की नई तकनीकों तथा आजीविका कार्यक्रमों को अपनाने पर केन्द्रित एकीकृत ग्रामीण विकास के माध्यम से समुदाय के संचालन में गाँव का विकास करना।
परियोजना के विस्तार पर अपनी बात रखते हुए नेस्ले इंडिया के चेयनमैन एवं प्रबंध निदेशक, श्री सुरेश नारायणन ने कहा, “नेस्ले इंडिया में हमारा उद्देश्य है वर्तमान और भावी पीढ़ियों के हर व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता को सुधारने के लिये भोजन की शक्ति को उजागर करना। ज्यादा स्वस्थ समाज बनाने के लिये अपनी प्रतिबद्धता के हिस्से के तौर पर हमने प्रोजेक्ट वृद्धि लॉन्च किया था, जो ग्रामीण कल्याण के लिये महत्वपूर्ण और जीवन को आकार देने वाले पहलूओं पर केन्द्रित है। प्रोजेक्ट वृद्धि ने चार साल पहले अपने लॉन्च के बाद से लगातार ठोसे प्रगति की है और 6000 से ज्यादा लोगों को सकारात्मक ढंग से प्रभावित किया है। परियोजना के मध्यवर्तनों से इन गांवों के सर्वांगीण विकास में योगदान किया है।”
एस एम सहगल फाउंडेशन के ट्रस्टी, श्री जय सहगल ने विकास संबंधी मध्यवर्तनों में सस्टेनेबिलिटी के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने ग्रामीणों से अपने आस-पास आरोग्य तथा स्वच्छता बनाये रखने के प्रयास जारी रखने की अपील की। मध्यवर्तनों का स्थायित्व सुनिश्चित करने के लिये एक ग्राम विकास समिति बनाई गई है, ताकि परियोजना के तहत निर्मित संपत्तियों के रख-रखाव पर नजर रखी जा सके।
नाहरपुर की सरपंच, सुश्री सबीला उमर ने कहा, ‘प्रोजेक्ट वृद्धि ने ग्रामीण अवसंरचना विकास के माध्यम से सर्वांगीण विकास प्रस्तुत किया है। प्रोजेक्ट के अंतर्गत कृषि संबंधी तकनीकों का प्रशिक्षण, डिजिटल साक्षरता, जल संरक्षण और तालाव पुनरुद्धार का संरक्षण जैसे कार्य किये गए हैं। इसका स्थानीय समुदाय पर सकारात्मक असर हुआ है और वे गाँवों की तरक्की की जिम्मेदारी लेने के लिये प्रोत्साहित हुए हैं।”
नेस्ले इंडिया और एस एम सहगल फाउंडेशन ने बच्चों के लिये पढ़ाई का एक प्रेरक वातावरण भी बनाया है। इसमें स्कूलों तथा कक्षाओं में पढ़ाने की अभिनव विधियों और बेहतर बुनियादी सुविधाओं के माध्यम से विशेष मध्यवर्तन, जैसे कि प्रकाश की बेहतर व्यवस्था, वेंटिलेशन, दीवारों की पेंटिंग्स और मध्याहन भोजन के लिये रसोईघर शामिल हैं।
नाहरपुर के स्कूल हेडमास्टर, श्री सराजुद्दीन ने स्कूल में किये गए मध्यवर्तन की प्रशंसा करते हुएर कहा, “शिक्षा उज्जवल और आशाजनक भविष्य का आधार है। गाँवों और खासकर इस स्कूल में इस परियोजना के सकारात्मक प्रभाव को लेकर हम बहुत खुश हैं। स्कूल के कायाकल्ला के कारण बच्चों की उपस्थिति और प्रतिधारण में वृद्धि हुई है।”