Breaking News
-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी तीन देशों की यात्रा के दौरान इटली, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया समेत…
-
महाराष्ट्र और झारखंड के लिए कल का दिन बेहद अहम होने वाला है। दोनों की…
-
शिक्षा और आईटी मंत्री नारा लोकेश ने विधान परिषद में आंध्र प्रदेश लोकायुक्त संशोधन विधेयक…
-
मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम ने इससे पहले अक्टूबर में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की…
-
केंद्र जातीय हिंसा प्रभावित मणिपुर में 10,000 से अधिक सैनिकों को भेजेगा, जिससे पड़ोसी राज्य…
-
सुप्रीम कोर्ट ने उन गवाहों के बयानों तक पहुंच के पंजाब सरकार के अनुरोध को…
-
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने महाराष्ट्र और झारखंड में चुनाव के बाद के घटनाक्रम की…
-
आप सांसद संजय सिंह ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गौतम अडानी का पक्ष…
-
फिल्मी सितारों से जुड़े विवादों और कानूनी पचड़ों का रिश्ता काफी पुराना है। सीनियर एक्टर…
-
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मुल्क को विकसित देश बनाने के लिए शुक्रवार को लोगों के…
देहरादून । उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार से देश में लागू नए आपराधिक अधिनियमों का स्वागत करते हुए कहा कि इन नए कानूनों ने पुराने और जटिल ब्रिटिश युग के कानूनों का स्थान लिया है। मुख्यमंत्री ने यहां कहा कि राज्य सरकार जनता को न्याय दिलाने एवं उनके अधिकारों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “नए कानूनों को लागू करने के लिए राज्य सरकार ने पृथक से 20 करोड़ रुपये की धनराशि का प्रावधान किया है। आगे भी इन कानूनों के क्रियान्वयन के लिए आवश्यक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।” धामी ने कहा कि तीनों कानूनों को उत्तराखंड पुलिस पूरी प्रतिबद्धता के साथ लागू करेगी।
देश में आज से तीन नए आपराधिक कानून – भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 लागू हो गए हैं। उन्होंने आज के दिन को भारतीय न्याय व्यवस्था के लिए ऐतिहासिक दिन बताते हुए कहा कि विभिन्न पुराने और गैर जरूरी कानूनों को हटाकर वर्तमान परिस्थिति के हिसाब से नए आपराधिक कानून लागू हुए हैं जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में न्याय की अवधारणा को मजबूत करेंगे और न्याय मिलने की प्रक्रिया को सरल और सुलभ बनाने में पुलिस और न्यायालयों की मदद करेंगे।
धामी ने कहा कि ये कानून गुलामी की मानसिकता को मिटाने और औपनिवेशिक कानूनों से मुक्ति दिलाने की मोदी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा, “अब हमारी न्याय प्रणाली पूरी तरह से स्वदेशी होगी जो भारत द्वारा, भारत के लिए और भारतीय संसद द्वारा बनाए गए कानूनों के अनुसार संचालित होगी।” हालांकि कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि नए कानून जल्दबाजी में लागू किए गए हैं और इन्हें लागू करने से पहले इन पर चर्चा होनी चाहिए थी। उन्होंने कहा, सरकार हर चीज पर अपनी मुहर लगाने की जल्दबाजी में है। नए आपराधिक कानून इसी का नतीजा हैं।