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अयोध्या के राम मंदिर के पुजारी अब ड्रेस कोड में बदलाव के बाद नए परिधान में नजर आएंगे। मंदिर का प्रबंधन करने वाले श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने पुजारियों के लिए पारंपरिक भगवा वस्त्र की जगह चमकीले पीले रंग का साफा, कुर्ता और धोती पहननी होगी। इसके अलावा, ट्रस्ट ने पुजारियों को गर्भगृह के अंदर स्मार्टफोन ले जाने पर भी रोक लगा दी है। पुजारियों के लिए ट्रस्ट की ओर से अन्य भी कई नियम तय किए गए हैं।
घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने बताया कि ये कदम पुजारियों के बीच एकरूपता बनाए रखने और उन्हें परिसर में अन्य लोगों से अलग बनाने के प्रयास का हिस्सा हैं। राम मंदिर के सहायक पुजारी संतोष कुमार तिवारी ने बताया, “राम मंदिर के पुजारियों के लिए नया ड्रेस कोड लागू किया गया है। अब मुख्य पुजारी, चार सहायक पुजारी और 20 प्रशिक्षु पुजारी सिर पर साफा, चौबंदी (पूरी आस्तीन का कुर्ता) और पीले रंग की धोती पहनेंगे।”
इससे पहले मंदिर के ज़्यादातर पुजारी भगवा पोशाक पहनते थे। तिवारी ने बताया, “कुछ पुजारी पीले रंग की पोशाक पहनते थे, लेकिन यह अनिवार्य नहीं था।” उन्होंने आगे कहा कि सनातन धर्म के अनुसार, पुजारियों को पहले सिर और हाथों को ढकने वाले वस्त्र पहनने चाहिए तथा नई ड्रेस कोड भी इसी का अनुपालन करता है। ट्रस्ट ने गर्भगृह के अंदर पुजारियों के स्मार्टफोन ले जाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। ट्रस्ट ने कहा है कि सुरक्षा कारणों से मोबाइल फोन ले जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि पानी के रिसाव के विवाद के बाद यह फैसला लिया गया।
राम मंदिर में पानी का रिसाव
हाल ही में राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि हाल ही में हुई मानसून की बारिश के कारण मंदिर के गर्भगृह में पानी का रिसाव हो रहा है। दास ने एक बयान में कहा, “पहली बारिश में ही मंदिर में पानी का रिसाव शुरू हो गया है, जहाँ रामलला विराजमान हैं और उसके आस-पास के इलाके हैं। पानी अंदर जमा हो गया है। यह पता लगाया जाना चाहिए कि मंदिर के पहले से बने हिस्से में निर्माण में क्या कमी है। पानी के रिसाव का कारण अब तक पता नहीं चला है।
राम मंदिर प्रबंधन ट्रस्ट के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने मौके का निरीक्षण किया और कहा कि मंदिर के निर्माण में कोई खामी नहीं है और गर्भगृह में पानी जमा नहीं है। उन्होंने बताया कि बिजली के तार लगाने के लिए लगाए गए पाइपों से बारिश का पानी बहता है। इससे पहले 26 जून को, राम मंदिर ट्रस्ट ने कहा था कि गर्भगृह की छत से “पानी की एक भी बूंद” नहीं टपकी थी, जहाँ भगवान राम की मूर्ति रखी गई थी, और न ही कहीं से गर्भगृह में पानी प्रवेश किया है। हालाँकि, राम मंदिर परिसर के अंदर से गर्भगृह में पानी के रिसाव को दर्शाती कुछ तस्वीरें सामने आई थीं।
नए नियमों के मुताबिक पुजारियों के लिए पांच घंटे की शिफ्ट निर्धारित की गई है। सूत्रों ने बताया कि नए नियमों के अनुसार, मुख्य पुजारी को चार सहायक पुजारी सहायता करेंगे जबकि प्रत्येक सहायक पुजारी को पांच प्रशिक्षु पुजारी सहायता करेंगे जिनकी शिफ्ट दोपहर 3:30 बजे से शुरू होगी और रात 11 बजे तक चलेगी।