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New Parliament row: विवाद के बीच तेलंगाना की राज्यपाल बोलीं- जो राज्यपालों का सम्मान नहीं करते हैं, वे…

तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसै सौंदरराजन ने कहा कि उन्हें तेलंगाना सचिवालय के उद्घाटन के लिए आमंत्रित नहीं किया गया था और राज्य में मुख्यमंत्री के शासन के बाद से उन्हें निमंत्रण भी नहीं दिया गया था। एएनआई के अनुसार, तेलंगाना के गवर्नर और पुडुचेरी के लेफ्टिनेंट गवर्नर तमिलिसै सौंदरराजन ने कहा कि हाल ही में तेलंगाना सचिवालय को भव्य रूप से बनाया गया था, इसका उद्घाटन सीएम ने किया था। सभी ने सवाल किया कि क्या राज्यपाल को आमंत्रित किया गया था। (उन्होंने कहा) नहीं, चूंकि सीएम शासन कर रहे हैं। यहां तक ​​कि उस समारोह का निमंत्रण भी नहीं दिया गया (मुझे)।
 

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राज्यपाल ने विपक्ष से कहा कि आप कहते हैं कि राष्ट्रपति एक गैर-राजनीतिक व्यक्ति हैं लेकिन आप राज्यपालों के लिए ऐसा क्यों नहीं कहते? उन्होंने साफ तौर पर कहा कि जो राज्य सरकारें अपने-अपने राज्यों में राज्यपालों का सम्मान नहीं करती हैं, वे घड़ियाली आंसू बहा रही हैं कि नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए संवैधानिक प्रमुख को आमंत्रित नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि तेलंगाना के नए सचिवालय के उद्घाटन के लिए मुझे न तो सूचित किया गया और न ही आमंत्रित किया गया। राज्यपाल का यह बयान तब आया है जब विपक्षी दल लगातार नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विरोध कर रहे हैं।
 

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विपक्षी दलों का कहना है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को संसद भवन का उद्घाटन कर चाहिए। कांग्रेस समेत विपक्ष के 19 दलों ने बुधवार को कहा कि वे संसद के नए भवन के उद्घाटन समारोह का सामूहिक बहिष्कार करेंगे क्योंकि इस सरकार में संसद से लोकतंत्र की आत्मा को निकाल दिया गया है। उन्होंने एक संयुक्त बयान में यह आरोप भी लगाया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को उद्घाटन समारोह से दरकिनार करना और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संसद के नए भवन का उद्घाटन करने का फैसला लोकतंत्र पर सीधा हमला है। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, द्रमुक, समाजवादी पार्टी, जनता दल (यूनाइटेड), राष्ट्रीय जनता दल और कई अन्य विपक्षी दलों ने संयुक्त बयान जारी किया है।

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