लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी की सास को राजधानी के पॉश इलाके में कथित बेनामी संपत्ति का लाभार्थी होने के कारण जारी नोटिस को चुनौती देने वाली याचिका पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ शुक्रवार को सुनवाई पूरी नहीं कर पायी। पीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 23 जनवरी की तारीख तय की है।
न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा और न्यायमूर्ति मनीष कुमार की खंडपीठ ने इंद्रमणि त्रिपाठी की सास मीरा पांडेय द्वारा दायर एक रिट याचिका पर यह आदेश पारित किया।
पांडेय की ओर से उनके निजी वकील के रूप में याचिका दायर करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य स्थायी अधिवक्ता अभिनव नारायण त्रिपाठी ने पांच जनवरी, 2023 को जारी किए गए आयकर विभाग (आईटी)के नोटिस को चुनौती दी है, जिसमें आईटी विभाग ने लगभग 3680 वर्ग फुट के बेनामी भूखंड को अस्थायी रूप से कुर्क किया था।
कथित बेनामी संपत्ति लखनऊ के जियामऊ क्षेत्र के सृजन विहार कॉलोनी, विक्रमादित्य वार्ड में स्थित है।
आयकर विभाग ने अपने नोटिस में कहा है कि विचाराधीन संपत्ति 23 अप्रैल, 2016 को मीरा पांडे के नाम से 82 लाख रुपये में खरीदी गई थी। आयकर विभाग ने आगे आरोप लगाया है कि 2015-16 में पांडे की आय 7.30 लाख रुपये ही बताई गई थी जबकि भूखंड महंगा था और उक्त भूखंड पर किए गए निर्माण पर 1.05 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे।
आयकर विभाग ने कहा है कि वास्तव में यह भूखंड बेनामी है और इंद्रमणि त्रिपाठी प्लॉट के लाभार्थी हैं।