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प्रवासियों पर ‘हमलों’ के मामले में Nitish ने वरिष्ठ अधिकारियों को Tamil Nadu भेजने का फैसला किया

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रवासियों पर हमलों के आरोपों की जांच के लिए शुक्रवार को वरिष्ठ अधिकारियों के एक दल को तमिलनाडु भेजने का फैसला किया।
मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार मुख्यमंत्री ने तमिलनाडु में बिहार के लोगों पर कथित हमले को लेकर मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के साथ आज पुनः उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम जिसमें वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी शामिल रहेंगे तमिलनाडु के उस प्रभावित क्षेत्र का दौरा करेगी जहां से ऐसी खबरें मिली हैं।

टीम प्रभावित इलाकों में रह रहे बिहार के लोगों एवं स्थानीय प्रशासन से बातचीत करेगी और यहां के प्रवासियों की समस्याओं के समाधान को लेकर समुचित कार्रवाई सुनिश्चित करायेगी।
मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को पूरी स्थिति पर लगातार नजर रखने को कहा है। राज्य सरकार इस मामले पर पूरी तरह संवेदनशील है।
इससे पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बिहार विधानसभा में बोलते हुए तमिलनाडु के पुलिस महानिदेशक के उस व्यक्तव्य का जिक्र किया था जिसमें उस राज्य में हिंदी भाषी लोगों पर हमलों की खबरों को खारिज कर दिया गया था।

बिहार में विपक्षी भाजपा द्वारा तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के जन्मदिन के अवसर पर आयोजित एक समारोह में भाग लेने को लेकर तेजस्वी की आलोचना की गयी थी।
तेजस्वी की पार्टी राजद की तरह द्रमुक के प्रमुख स्टालिन कांग्रेस और वामदल के गठबंधन सहयोगी हैं।
तेजस्वी द्वारा अपनाए गए रुख से भाजपा असंतुष्ट थी और उनके कथन के तुरंत बाद उसके सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गए थे।

भोजनावकाश के समय दोनों सदनों के भाजपा सदस्यों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की और विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा था, ‘‘मुख्यमंत्री ने हमारे प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की है कि एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल कल तमिलनाडु का दौरा करेगा।
सिन्हा ने सदन की एक समिति को तमिलनाडु भेजने की अपनी मांग को ठुकराए जाने के लिए तेजस्वी और बिहार विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी की आलोचना की थी।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को कुछ अधिकारियों को उस राज्य में भेजने के लिए भी तलब किया।
इस बीच नीतीश के घोर आलोचक रहे जमुई के सांसद चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बिहार की आर्थिक स्थिति के लिए उन्हें दोषी ठहराया जिसके चलते बड़े पैमाने पर यहां के लोगों को मजबूरन रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों में जाना पड़ता है।

पासवान ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र भी लिखा है जिसमें उन्होंने मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया और इसे सोशल मीडिया पर साझा किया है।
राजनीतिक रणनीतिकार से कार्यकर्ता बने प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर पूरे मामले को अधिकारियों पर छोड़ने और स्वयं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के साथ एक शब्द बात करने की जहमत नहीं उठाने का आरोप लगाया। इतना ही नहीं उन्होंने तेजस्वी पर उस राज्य के मुख्यमंत्री के जन्मदिन का जश्न मनाने को लेकर कटाक्ष किया जब उनके ही लोगों को पीटा जा रहा था।

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