बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर महागठबंधन के साथ जा सकते हैं? एक बयान ने फिर से राजनीतिक अटकलों को जन्म दे दिया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली के मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह से विशेष रूप से अनुपस्थित रहे, जिससे राजनीतिक अटकलें तेज हो गईं। उनकी अनुपस्थिति पर प्रतिक्रिया देते हुए राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि नीतीश कुमार हमारे साथ आने वाले हैं, तो वह एनडीए की बैठक में क्यों शामिल होंगे? भाई वीरेंद्र के इस बयान से सियासी गलियारे में एक बार फिर तूफान उठ गया है।
इसे भी पढ़ें: बिहार के भागलपुर में सामूहिक दुष्कर्म के आरोप में चार लोग गिरफ्तार
क्यों नहीं शामिल हुए नीतीश
बता दें कि सीएम नीतीश कुमार के दिल्ली नहीं जाने को लेकर भले राजनीति शुरू हो गई है लेकिन शपथ ग्रहण समारोह में नहीं जाने के पीछे कई कारण था। सीएम का पहले से भी कार्यक्रम तय था। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को रोहतास जिले में 1378.46 करोड़ रुपये की कुल 1220 विकासात्मक योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। उन्होंने 1110.23 करोड़ रुपये की 1971 परियोजनाओं का शिलान्यास और268.22 करोड़ रुपये की 249 परियोजनाओं का उद्घाटन किया है। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, ‘‘मुख्यमंत्री ने जिले के करमचट, बादलगढ़, दुर्गावती और दिनारा में विभिन्न इको-टूरिज्म और एडवेंचर हब केंद्रों और बोट हाउस शिविरों का उद्घाटन व शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने चेनारी प्रखंड में मल्हीपुर पंचायत भवन का भी निरीक्षण किया और क्षेत्र में जीविका दीदियों के साथ बातचीत की। उन्होंने रोहतास जिले में राज्य सरकार का जारी विकास योजनाओं की समीक्षा के लिए एक बैठक की भी अध्यक्षता की।
इसे भी पढ़ें: विधानसभा चुनाव के बाद नीतीश बिहार के मुख्यमंत्री नहीं होंगे: अलका लांबा
कांग्रेस नेता ने साधा नीतीश पर निशाना
अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की प्रमुख अलका लांबा ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि जद(यू) प्रमुख नीतीश कुमार कुछ महीनों में होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे। महिला कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद बिहार की राजधानी की अपनी पहली यात्रा पर उन्होंने देर शाम यहां पत्रकारों से बातचीत की। लांबा ने भाजपा पर महिला आरक्षण विधेयक को पारित करवाने का श्रेय लेने के बावजूद इसके क्रियान्वयन में बाधा डालने का भी आरोप लगाया। लांबा ने कहा कि बिहार में चुनाव की घोषणा होने के पूर्व एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित कर दी जाना चाहिए।