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‘भरोसेमंद नेता नहीं नीतीश कुमार, उनके लिए भाजपा के दरवाजे बंद’, अटकलों के बीच गिरिराज सिंह का बड़ा बयान

लोकसभा चुनाव से पहले बिहार में राजनीतिक हलटल तेज है। ऐसा लग रहा है कि सत्तारूढ़ जनता दल (यूनाइटेड) और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के बीच कुछ पक रहा है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए ऐसा लगता है कि आम चुनाव से पहले वह फिर से पलटी मारेंगे। राजद और जदयू के बीच मामला लगातार बिगड़ता दिखाई दे रहा है। सूत्रों के मुताबिक, महागठबंधन के सदस्यों- राजद और कांग्रेस- और जद (यू) के बीच फिर से कुछ परेशानी बढ़ रही है। राज्य में दोनों पार्टियों (बीजेपी और जेडीयू) के नेताओं के बीच फिर से एक साथ आने को लेकर बातचीत हुई है। 
 

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नवीनतम घटनाक्रम में, सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे, बिहार भाजपा प्रमुख सम्राट चौधरी और जदयू महासचिव केसी त्यागी दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं और तीनों नेता एक ही उड़ान से दिल्ली आ रहे हैं, बिहार की राजनीति में जिससे एक और मोड़ की अटकलें तेज हो गई हैं। दावा किया जा रहा है कि नीतीश एक बार फिर से भाजपा के साथ आ सकते हैं। हालांकि, इसी बीच केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का बड़ा बयान सामने आया है। गिरिराज सिंह ने साफ तौर पर कहा है कि नीतीश कुमार भरोसेमंद नेता नहीं हैं। उनके लिए भाजपा के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हैं। 
गिरिराज सिंह ने कहा कि बिहार में 6-5 का खेल चल रहा है, दोनों हार्ड बार्गेनर है…जैसे ही नीतीश कुमार ने कर्पूरी ठाकुर का नाम लेकर परिवारवाद पर हमला किया तो रोहिणी आचार्य ने इस संबंध में ट्वीट किया, फिर जब नीतीश कुमार टाइट हुए तो जल्द ही ट्वीट हटा दिया गया। नीतीश कुमार लालू यादव को बीजेपी की ओर इशारा करके डराते रहते हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि नीतीश बार बार गाना गाते हैं कि मैं मायके चली जाउंगी तुम देखते रहियो। लेकिन वह कभी नहीं कहते कि (बीजेपी का) दरवाजा उनके लिए बंद हैं। 
वंशवाद की राजनीति पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की टिप्पणी पर विवाद खड़ा हो गया है। राजद सुप्रीमो लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने तीखा जवाब देने के लिए एक्स का सहारा लिया। इशारों-इशारों में रोहिणी आचार्य ने नीतीश कुमार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अक्सर कुछ लोग नहीं देख पाते हैं अपनी कमियां। लेकिन किसी दूसरे पे कीचड़ उछालने को करते रहते हैं बदतमीजियां। एक अन्य एक्स पोस्ट में उन्होंने कहा कि खीज जताए क्या होगा, जब हुआ न कोई अपना योग्य। विधि का विधान कौन टाले, जब खुद की नीयत में ही हो खोट। 
 

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रोहिणी आचार्य ने आगे लिखा कि समाजवादी पुरोधा होने का करता वही दावा है हवाओं की तरह बदलती जिनकी विचारधारा है। हालांकि, विवाद बढ़ने पर रोहिणी आचार्य ने अपना पोस्ट डीलिट कर दिया। बताया जा रहा है कि रोहिणी आचार्य के इस पोस्ट से नीतीश कुमार भड़क गए थे। उन्होंने कैबिनेट की बैठक में पोस्ट पर नाराजगी जताते हुए मीटिंग बीच में ही छोड़ दी। इसी के बाद रोहिणी आचार्य ने पोस्ट को डिलीट किया है। हालांकि, कहीं ना कहीं बिहार के राजनीति को लेकर लगातार उठा पटक का दौर जारी है। राजद और नीतीश कुमार के बीच सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। दोनों के बीच दूरियां भी साफ तौर पर दिखाई दे रही है। इन सबके बीच नीतीश कुमार और भाजपा के नजदीकी भी बढ़ती हुई देख रही है।

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