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Congress सहित सभी विपक्षी दल एक साथ लडें, तो BJP 100 सीट से भी नीचे चली जायेगी: नीतीश

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकता के अपने आह्वान को दोहराते हुए शनिवार को कहा कि अगर कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दल आगामी लोकसभा चुनाव एक साथ मिलकर लड़ते हैं, तो भाजपा 100 सीट से भी नीचे चली जायेगी।
पूर्णिया में बिहार में सत्ताधारी महागठबंधन द्वारा आयोजित एक रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ बिहार में हम सब पूरी एकजुटता के साथ काम कर रहे हैं। देश के अन्य राज्यों के लोग भी जब पूरी मजबूती से एकजुट होंगे तभी भाजपा से मुक्ति मिलेगी।’’

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी भी अब देर न करे, जल्द से जल्द निर्णय लेकर सबको एकजुट करने की दिशा में आगे बढ़े। उन्होंने कहा, ‘‘जब हम सब एकजुट रहेंगे तो 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा 100 सीट से भी नीचे चली जायेगी।’’
नीतीश ने भाजपा पर अपना प्रहार जारी रखते हुए कहा कि ये लोग हिंदू और मुसलमानों को लड़वाकर देश को बर्बाद करना चाहते हैं, आजादी की लड़ाई से इनका कोई सरोकार नहीं रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘ 2013 में जब अटल जी बीमार हुए तब हमने लाल कृष्ण आडवाणी जी को नेतृत्व प्रदान करने की बात कही लेकिन जब यह नहीं हुआ तब हम अलग हो गये। 2015 के बाद फिर ये लोग हमको अपने साथ लाने की कवायद में जुट गये तब हम फिर साथ हुए जिसके चलते इन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव में फायदा हो गया। इसके बाद ये लोग वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में हमारी ही पार्टी के प्रत्याशियों को हराने में लग गये। हमारी पार्टी के सभी लोगों ने यह महसूस किया तब हमने इनलोगों का साथ छोड़ने का निर्णय किया।’’

जदयू के शीर्ष नेता नीतीश ने कहा, ‘‘मेरी कोई व्यक्तिगत ख्वाहिश नहीं है। लोकसभा के चुनाव में अब इनकी दाल गलने वाली नहीं है। बिहार में हमलोग एकजुट हैं, पूरे देश में इसी तरह से एकजुटता होगी तभी देश का भला होगा।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा के लोग अपने नेताओं को भी याद नहीं रखते हैं और न ही उनके कामों की चर्चा करते हैं। उन्होंने कहा कि श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कुष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, दिवंगत अरुण जेटली का नाम लेना भी ये लोग पसंद नहीं करते हैं।

उन्होंने भाजपा नेताओं पर अपना प्रहार जारी रखते हुए कहा, ‘‘ आज कल जिनलोगों को कोई अनुभव नहीं है वे ही बोलते रहते हैं। हम पर ये आरोप लगाते हैं कि दिवंगत जॉर्ज फर्नांडिस की उपेक्षा की है। सन् 1994 में जब हम जनता दल से अलग हुए तब मैं पार्टी में महासचिव था। हम हमेशा उनके साथ रहे हैं। हमने कभी जॉर्ज साहब का विरोध नहीं किया। 2003 में जब जदयू का गठन हुआ तब जॉर्ज साहब ही पार्टी के अध्यक्ष थे।शरद यादव 2006 के बाद अध्यक्ष बने।’’

नीतीश ने कहा,‘‘ जॉर्ज फर्नांडिस साहब हो या शरद यादव, हम कभी भी इनके खिलाफ नहीं रहे हैं। 2009 में जब वे चुनाव हार गये तब हमने उनको राज्यसभा भेजा। जॉर्ज साहब की जब तबीयत खराब थी तब भी हम निरंतर उनसे जुड़े रहे। भाजपा नेताओं का काम है मेरे खिलाफ बोलते रहना और मेरे विरोध में बयान देकर अपना प्रचार करना।’’

उन्होंने कहा,‘‘ जीतन राम मांझी जी को हमने मुख्यमंत्री बनाया और ये लोग कहते हैं कि हमने उन्हें धोखा दिया। आपके साथ जब जीतन राम मांझी जी थे तो आपने उनके साथ क्या किया। आपने उन्हें क्या बनाया।’’
नीतीश ने कहा कि आजकल भाजपा अन्य पार्टियों में सेंधमारी करने के काम में जुटी हुई है, वह विभिन्न दलों के नेताओं को अपने साथ जोड़ने की रणनीति के तहत काम कर रही है लेकिन वैसे लोगों को 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद यह पता चल जायेगा कि किस आधार पर उन्हें उसने अपने साथ जोड़ा।

उन्होंने लोगों से कहा कि आपस में प्रेम और सद्भाव का माहौल कायम रहे इसके लिये सभी धर्म, संप्रदाय के लोग एकजुट रहें।
उन्होंने ओबैसी की पार्टी का नाम लिए बिना उसकी ओर इशारा करते हुए कहा कि आजकल मुस्लिम समुदाय में भी इधर-उधर करने की कोशिश हो रही है। उन्होंने कहा कि एक पार्टी है जो भाजपा के लिये काम कर रही है जिनके पांच विधायकों में सेचार विधायक अब महागठबंधन के साथ हैं।
उन्होंने महागठबंधन में शामिल दलों के बारे में कहा कि सातों पार्टी ने मिलकर बैठक की, सबको मिलकर रहना है, जो लोग इधर-उधर करना चाहते हैं वे अपने मनसूबे में कामयाब नहीं होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सोशल मीडिया का दौर है, एक-दूसरे के प्रति प्रेम और भाइचारे का माहौल कायम रखें, दुष्प्रचार करनेवालों के चक्कर में न पड़े, जब सब एकजुट हो जायेंगे तब देश को भाजपा से मुक्ति मिलेगी।
उन्होंने देश की आजादी की लड़ाई में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का महत्वपूर्ण योगदान होने का जिक्र करते हुए कहा कि बापू ने हिंदू-मुस्लिम एकता के लिये काम किया, ये लोग बापू को भूल गये।

उन्होंने कहा कि जब भाजपा से मुक्ति मिलेगी तब मीडिया के लोग भी इनका पोल खोलेंगे कि इन्होंने क्या-क्या किया।
जनसभा को उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, भाकपा नेता अजय कुमार ने भी संबोधित किया जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने संबोधित किया।

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