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Driving License बनवाने के लिए कोई भी डॉक्टर जारी नहीं कर सकेगा मेडिकल सर्टिफिकेट, हुआ ये अहम बदलाव

भारत में  40 वर्ष की उम्र होने के बाद ड्राइविंग लाइसेंस को रिव्यू करवाना होता है। अब ड्राइविंग लाइसेंस को रिव्यू कराने के लिए मेडिकल कराने के लिए आवेदन ऑनलाइन करना होगा। परिवहन विभाग ने ये फैसला किया है। साथ ही ड्राइविंग लाइसेंस रिव्यू करने के लिए परिवहन विभाग ने डॉक्टरों को जिम्मेदारी दी है। यानी अब सिर्फ परिवहन विभाग द्वारा चयनित डॉक्टरों द्वारा जारी किए सर्टिफिकेट ही मान्य होंगे। इनके अलावा किसी अन्य डॉक्टर का सर्टिफिकेट मान्य नहीं होगा।
 
बता दें कि मेडिकल सर्टिफिकेट हासिल करने के लिए यूजर को पहले ऑनलाइन आवेदन के बाद डॉक्टर को विजिट करना होगा। इसके लिए यूजर को अपाइंटमेंट मिलेगा। दरअसल कई ऐसी वेबसाइट भी हैं जो अवैध रुप से बिना जांच किए ऑनलाइन मेडिकल रिपोर्ट जारी की है। इन सर्टिफिकेट को परिवहन विभाग रद्द कर रहा है।
 
बता दें कि मेडिकल सर्टिफिकेट की जांच के लिए परिवहन विभाग की ओर से दो सदस्यों की जांच टीम बनाई गई है। इस टीम के जरिए सीनियर अधिकारियों को रिपोर्ट भेजी जाएगी और जांच कराई जाएगी। गौरतलब है कि मेडिकल सर्टिफिकेट 40 वर्ष की उम्र के बाद लाइसेंसे रिन्यूअल के दौरान लगता है। इसके अलावा 50 वर्ष की उम्र में भी नया लाइसेंस बनवाने के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट की जरुरत होती है।
 
अब इन सर्टिफिकेट को जारी करने का अधिकार जिला अस्पताल के चार डॉक्टरों को ही दिया गया है। इन डॉक्टरों के संबंध में जानकारी सारथी वेबसाइट पर रजिस्टर की गई है। इन डॉक्टरों के पास जाकर आवेदनकर्ता अपना मेडिकल चेकअप कराएंगे। इसके बाद ऑनलाइन माध्यम से ही डॉक्टर आवेदनकर्ता का मेडिकल सर्टिफिकेट परिवहन विभाग के पास भेजेगा। इस प्रक्रिया के जरिए आम जनता को कम भागदौड़ करनी पड़ेगी। 
 
ये है प्रक्रिया
बता दें कि परिवहन विभाग की वेबसाइट पर जाने के बाद यूजर को फॉर्म नंबर एक भरना होगा। इसे जमा करने के बाद आवेदनकर्ता के फोन पर ओटीपी आएगा जिसे दर्ज करना होगा। फॉर्म नंबर रखना होगा। परिवहन विभाग ने चारों डॉक्टरों (डॉ. ऋषभ कुमार सिंह- जिला अस्पताल एमसीआर, डॉ. आदित्य- जिला अस्पताल एमसीआर, डॉ. राकेश- जिला अस्पताल एमसीआर, डॉ. रविंद्र कुमार- सीएचसी दादरी) की अलग अलग आईडी बनाई है। आवेदनकर्ता को फॉर्म भरकर डॉक्टर के पास जमा करना होगा। आवेदनकर्ता को मैसेज के जरिए ही डॉक्टर का अपॉइंटमेंट मिलेगा, जिसके बाद उसके स्वास्थ्य की जांच होगी और मेडिकल सर्टिफिकेट जारी होगा। 

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