प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में हमने इस सप्ताह ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) श्री डीएस त्रिपाठी जी से जानना चाहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध किस ओर आगे बढ़ रहा है। एक खबर आई कि पुतिन को मारने का प्रयास हुआ अब यूक्रेन को डर है कि कहीं तगड़ा पलटवार ना हो जाये। इस बीच एक खबर यह भी है कि यूक्रेन के कब्जाये क्षेत्रों में रूसी सेना परेशान होने लगी है क्योंकि वहां बुनियादी सुविधाओं की कमी है, इस पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि अमेरिका का इतिहास है कि वह जिस भी युद्ध में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से घुसा है उसे जल्द समाप्त नहीं होने दिया है। अगले साल अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव हैं इसलिए जो बाइडन नहीं चाहेंगे कि यह युद्ध उससे पहले समाप्त हो।
ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) श्री डीएस त्रिपाठी ने कहा कि दूसरी ओर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के भी हाथ में यह युद्ध नहीं रह गया है। यह सारा युद्ध इस समय अमेरिका और नाटो के हाथ में चला गया है इसलिए जेलेंस्की चाह कर भी कुछ नहीं कर पाएंगे। वैसे भी वह इस समय अपने देश को बेहाल छोड़ कर विदेशों में मदद मांगने के लिए घूम रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि जेलेंस्की को अब अपनी जान की परवाह होने लगी है इसीलिए वह बाहर ही दिखाई दे रहे हैं।
इसे भी पढ़ें: Prabhasakshi Exclusive: China और Pakistan को Goa में Jaishankar के तेवर देखकर समझ आ गया कि New India किसे कहते हैं
उन्होंने कहा कि जेलेंस्की ने अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आईसीसी) का दौरा भी किया है। वैसे उनका दौरा इस मायने में महत्वपूर्ण है कि आईसीसी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर युद्ध अपराधों का आरोप लगाया है। लेकिन इस सबसे पुतिन को कोई फर्क नहीं पड़ता। आज की तारीख में यूक्रेन उन्हीं क्षेत्रों पर हमला कर रहा है जो रूस कब्जा चुका है। एक प्रकार पुतिन और जेलेंस्की दोनों ही यूक्रेन को बर्बाद करने पर तुले हैं।