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बेंगलुरु । कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने शुक्रवार को हाल में संपन्न लोकसभा चुनावों में “समायोजन की राजनीति” की किसी भी अफवाह को खारिज कर दिया और कहा कि कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पूरी मेहनत से चुनाव लड़ा। शिवकुमार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी हैं। वह उन खबरों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे कि पार्टी पदाधिकारियों ने एक दिन पहले एक तथ्यान्वेषी दल को कथित तौर पर बताया कि सरकार में “समायोजन की राजनीति” और “प्रशासनिक खामियां” राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस द्वारा हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में कर्नाटक की कुल 28 सीटों में से केवल नौ सीटें जीतने के कारणों में से थीं।
विपक्षी भाजपा और उसकी सहयोगी दल(एस) ने 19 सीटें जीतीं। चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन का विश्लेषण करने के लिए वरिष्ठ नेता मधुसूदन मिस्त्री की अध्यक्षता में एक तथ्यान्वेषी समिति का गठन किया गया था। यहां पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, “पार्टी की सफलता के लिए सभी कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर कड़ी मेहनत की। पार्टी ने खुद कुछ मंत्रियों को वोट जुटाने के लिए उनके परिवार के सदस्यों को मैदान में उतारने का निर्देश दिया। इसमें किसी भी तरह की कोई समायोजन की राजनीति नहीं थी।” वह एक संवाददाता के इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या लोकसभा चुनावों में समायोजन की राजनीति हो रही है। मिस्त्री ने कहा, “तथ्यान्वेषी समिति ने नतीजों का विश्लेषण करने के लिए विजेताओं, हारने वालों, पार्टी कार्यकर्ताओं और पार्टी नेताओं से मुलाकात की। समिति ने राय जानी है और (वह) भविष्य की कार्रवाई पर निर्णय लेगी।