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आप कोई भी विदेशी अखबार उठा कर देखिये, आप बड़े से बड़े विदेशी टीवी समाचार चैनलों की सुर्खियों को देखिये, आप तमाम विदेशी समाचार वेबसाइटों के होम पेजों पर प्रकाशित पहली खबर को देखिये…हर जगह आपको भारत नजर आयेगा। भारत इसलिए नजर आयेगा क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में एक साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर के तीन कार्यक्रम यानि जी-20 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक, क्वॉड समूह की बैठक और रायसीना डॉयलॉग का सफल आयोजन किया। विदेशी मीडिया में भारत इसलिए भी नजर आ रहा है क्योंकि दिल्ली में इस सप्ताह कई बड़े देशों की द्विपक्षीय बैठकों में ऐसे निर्णय हुए हैं जिससे दुनिया के कई छोटे-बड़े देशों की आर्थिक चुनौतियों का हल निकला है।
विदेशी मीडिया में प्रकाशित खबरों की हैडिंगों में लिखा गया है- इट हैप्पन्स ओनली इन इंडिया। ये हेडिंग इसलिए लगी है क्योंकि रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से अमेरिका और रूस के बीच बातचीत नहीं हुई थी लेकिन भारत ने इन दोनों देशों को मिलवा कर और बातचीत करवा कर कूटनीति में अपनी सिद्धता साबित कर दी। इट हैप्पन्स ओनली इन इंडिया हेडिंग इसलिए भी लगी है क्योंकि भारत की अध्यक्षता में जी-20 की सभी बैठकों में सदस्य देशों के अलावा भारत कई ऐसे देशों को भी आमंत्रित कर रहा है जिनकी आवाज वैश्विक मंचों पर नहीं सुनी जाती। भारत में जी-20 की जितनी भी बैठकें हो रही हैं वह प्रतिनिधिमंडलों के लिहाज से इस संगठन के इतिहास में सबसे बड़ी बैठकें हैं।
बहरहाल, कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर रहते हुए अमेठी से लोकसभा चुनाव हार जाने वाले राहुल गांधी भले लंदन की एक साख खोती जा रही यूनिवर्सिटी में जाकर भारत के बारे में कुछ भी भला-बुरा कहें लेकिन विदेशी मीडिया भारत के आर्थिक, तकनीकी, रणनीतिक और सैन्य महत्व को स्वीकार कर देश का भविष्य उज्ज्वल बता रहा है। हम आपको यह भी बता दें कि दुनिया के ये बड़े-बड़े नेता जब दिल्ली में बैठकों के लिए इकट्ठे हुए थे तब इनकी नजर भारतीय समाचार-पत्रों और टीवी चैनलों के समाचारों पर भी पड़ी। इन विदेशी हस्तियों ने देखा कि पूर्वोत्तर के राज्यों में मोदी के नेतृत्व में फिर से भाजपा को विजय मिली है। भारत आये सभी मेहमानों ने देखा कि किस तरह भारतीय लोकतंत्र फलफूल रहा है और मोदी का कमल देश के कोने-कोने में खिल रहा है।