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अनिवासी तमिल साल में कम से कम एक बार तमिलनाडु आएं : मुख्यमंत्री Stalin

चेन्नई । तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने तमिल प्रवासियों से अपील की है कि वे अपने बच्चों के साथ साल में कम से कम एक बार राज्य आएं और उन्हें यहां की समृद्ध संस्कृति और विरासत से अवगत कराएं। स्टालिन राज्य में निवेश को आकर्षित करने के इरादे से इस समय अमेरिका के दौरे पर हैं। अमेरिका के शिकागो में तमिल संगठनों द्वारा सात सितंबर को आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्टालिन ने लोगों को उनके प्यार और स्नेह के लिए धन्यवाद दिया और कहा, ‘‘हमारी सबसे बड़ी पहचान यह है कि हम तमिल मां की संतान हैं।’’ 
भारत से बाहर रहने वाले युवा तमिलों को लिए तमिलनाडु में राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे सांस्कृतिक यात्रा कार्यक्रम ‘वेरगलाई थेड़ी थिट्टम’ (जड़ों की खोज योजना) का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि म्यामां से एक व्यक्ति ने हाल ही में राज्य में अपने विस्तारित परिवार के साथ संपर्क बहाल किया है। ‘वेरगलाई थेड़ी थिट्टम’ योजना के तहत राज्य सरकार विदेश में रह रहे तमिल मूल के चुनिंदा पुरुषों और महिलाओं को राज्य के पुरातत्व स्थलों और तमिल संस्कृति और विरासत से संबंधित स्थलों की यात्रा करवाती है। 
इसे स्टालिन सरकार ने पिछले साल 24 मई को सिंगापुर में शुरू किया था। स्टालिन ने इस अवसर पर उनकी सरकार द्वारा अनिवासी तमिलों के लिए स्थापित कल्याण बोर्ड का उल्लेख किया तथा 12 जनवरी को प्रवासी (तमिल) दिवस के रूप में मनाने जैसी पहलों की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने कहा,‘‘इसलिए मैं हमेशा कहता हूं कि यह किसी पार्टी की सरकार नहीं है, बल्कि यह एक नस्ल की सरकार है। केवल तमिल में ही सभी को एकजुट करने और जाति और धार्मिक मतभेदों को खत्म करने की ताकत है।’’ उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद लोगों से आग्रह किया कि वे अपने बच्चों के साथ साल में कम से कम एक बार तमिलनाडु जाएं और उन्हें संत कवि तिरुवल्लुवर के बारे में जानकारी दें और उन्हें कीलाडी संग्रहालय के अलावा शिवकलाई, कोरकाई और पोरुनई जैसे पुरातत्व स्थानों पर ले जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘तमिलनाडु के लिए आप जो भी कर सकते हैं, करें।

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