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Purvottar Lok: Manipur में हालात को नियंत्रित करने के लिए सेना तैनात, समझिये आखिर क्यों और किसने भड़काई हिंसा?

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम पूर्वोत्तर लोक में आप सभी का स्वागत है। आज के कार्यक्रम में बात करेंगे मणिपुर के ताजा हालात की। उपराष्ट्रपति के असम दौरे की। मेघालय में चल रही राजनीतिक हलचलों की, अरुणाचल प्रदेश में तेज हो रहे विकास की, त्रिपुरा में लोकसभा चुनावों के लिए बढ़ती राजनीतिक गतिविधियों की और मिजोरम में विधानसभा चुनावों से पहले चल रही उठापटक की। लेकिन सबसे पहले डालते हैं मणिपुर के हालात पर एक नजर।
मणिपुर में आदिवासियों और बहुसंख्यक मेइती समुदाय के बीच हिंसा भड़कने के बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए रातोंरात सेना और असम राइफल्स के कई दलों को फौरन तैनात किया गया। हम आपको बता दें कि हिंसा के कारण 9,000 से अधिक लोग विस्थापित हो गए। नगा और कुकी आदिवासियों द्वारा ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किए जाने के बाद बुधवार को हिंसा भड़क गई, जो रात में और तेज हो गई। रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि अब तक 9,000 लोगों को सुरक्षाबलों ने हिंसा प्रभावित इलाकों से निकालकर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया है। उन्होंने बताया कि और भी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। प्रवक्ता ने बताया कि करीब 5,000 लोगों को चुराचांदपुर में सुरक्षित गृहों में पहुंचाया गया, वहीं 2,000 लोगों को इंफाल घाटी में और अन्य 2,000 लोगों को तेनुगोपाल जिले के सीमावर्ती शहर मोरेह में स्थानांतरित कर दिया गया है। प्रवक्ता ने बताया कि रात में सेना और असम राइफल्स को बुलाया गया था और राज्य पुलिस के साथ बलों ने सुबह तक हिंसा पर नियंत्रण पा लिया। उन्होंने बताया, “स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए फ्लैग मार्च किया जा रहा है।”
हम आपको बता दें कि राज्य की आबादी में 53 प्रतिशत हिस्सा रखने वाले गैर-आदिवासी मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जे की मांग के खिलाफ चुराचांदपुर जिले के तोरबंग इलाके में ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर’ (एटीएसयूएम) द्वारा बुलाए गए ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान बुधवार को हिंसा भड़क गई। मार्च का आयोजन मणिपुर उच्च न्यायालय द्वारा पिछले महीने राज्य सरकार को मेइती समुदाय द्वारा एसटी दर्जे की मांग पर चार सप्ताह के भीतर केंद्र को एक सिफारिश भेजने के लिए कहने के बाद किया गया। पुलिस के अनुसार, चुराचांदपुर जिले के तोरबंग क्षेत्र में मार्च के दौरान हथियार लिए हुए लोगों की एक भीड़ ने कथित तौर पर मेइती समुदाय के लोगों पर हमला किया, जिसकी जवाबी कार्रवाई में भी हमले हुए, जिसके कारण पूरे राज्य में हिंसा भड़क गई। उन्होंने बताया कि तोरबंग में तीन घंटे से अधिक समय तक हुई हिंसा में कई दुकानों और घरों में तोड़फोड़ के साथ ही आगजनी की गई। इस बीच, लोगों से शांति बनाए रखने का आग्रह करते हुए मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा, “संपत्ति के नुकसान के अलावा कीमती जानें चली गई हैं, जो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।” मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंसा समाज में “गलतफहमी” का नतीजा है। उन्होंने कहा, “राज्य सरकार कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए सभी कदम उठा रही है और लोगों के जान-माल की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों की मांग की गई है।”
इस बीच, एक अधिकारी ने बताया कि स्थिति को देखते हुए गैर-आदिवासी बहुल इंफाल पश्चिम, काकचिंग, थौबल, जिरिबाम और विष्णुपुर जिलों तथा आदिवासी बहुल चुराचांदपुर, कांगपोकपी और तेंगनौपाल जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया। उन्होंने बताया कि पूरे राज्य में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गईं हैं। पुलिस ने बताया कि इंफाल घाटी के कई इलाकों में कुकी आदिवासियों के घरों में तोड़फोड़ की गई, जिससे उन्हें इलाका छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा। पुलिस ने कहा कि इंफाल पश्चिम में कुकी बहुल लांगोल क्षेत्र के 500 से अधिक निवासी अपने घर छोड़कर चले गए हैं और वर्तमान में लम्फेलपत में सीआरपीएफ शिविर में रह रहे हैं। उन्होंने बताया कि इंफाल घाटी में बीती रात कुछ पूजा स्थलों को भी आग के हवाले कर दिया गया। इस बीच, आदिवासी बहुल चुराचांदपुर जिले के करीब 1,000 मेइती लोग क्वाक्ता और मोइरांग सहित बिष्णुपुर जिले के विभिन्न इलाकों में चले गए। पुलिस ने बताया कि कांगपोकपी जिले के मोटबंग इलाके में बीस से अधिक घर भी जलकर खाक हो गए। तेंगनौपाल जिले में म्यामां सीमा के पास मोरेह से भी हिंसा की सूचना मिली। घाटी के जन प्रतिनिधियों ने पहले कुछ मेइती संगठनों की एसटी का दर्जा देने की मांग का समर्थन किया था जिससे अनुसूचित जाति की सूची में स्थान रखने वाले कुछ समुदाय नाराज हो गये।
इस बीच, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से बृहस्पतिवार को बातचीत की और वहां आदिवासी आंदोलन के दौरान भड़की हिंसा के बारे में जानकारी ली। हम आपको बता दें कि केन्द्र मणिपुर के हालात पर करीब से नजर रख रहा है और उसने पूर्वोत्तर राज्य के हिंसा प्रभावित इलाकों में तैनाती के लिए त्वरित कार्य बल (आरएएफ) के दल भेजे हैं। अधिकारियों ने बताया है कि संवेदनशील स्थानों पर सेना तथा असम रायफल्स के जवानों को पहले ही तैनात किया जा चुका है। इन दो बलों के अलावा पर्याप्त संख्या में अर्धसैनिक बल के जवान हिंसा प्रभावित इलाकों में तैनाती के लिए मणिपुर में मौजूद हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आरएएफ की पांच कंपनियों को वायुसेना के विशेष विमान से इंफाल भेजा गया है वहीं 15 अन्य सामान्य ड्यूटी कंपनियों को राज्य में तैनाती के लिए तैयार रहने को कहा गया है। सूत्रों ने बताया कि केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल की 15 कंपनियां मणिपुर में तैनाती के लिए मौजूद हैं।
इस बीच, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मणिपुर में हिंसा भड़कने के बाद आरोप लगाया कि इस स्थिति के लिए भारतीय जनता पार्टी की नफरत एवं विभाजन की राजनीति तथा सत्ता का उसका लोभ जिम्मेदार है। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्वोत्तर के इस राज्य में सभी पक्षों को संयम बरतना चाहिए। खरगे ने ट्वीट किया, “मणिपुर जल रहा है। भाजपा ने समुदायों के बीच दरार पैदा की है और इस खूबसूरत राज्य की शांति को भंग कर दिया है।’
वहीं, ओलंपिक पदक विजेता मुक्केबाज एम.सी. मेरीकॉम ने केंद्र सरकार से मणिपुर में भड़की हिंसा पर काबू पाने में मदद करने की अपील की है। उन्होंने आज तड़के एक ट्वीट किया जिसमें, हिंसा की तस्वीर के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को टैग करते हुए उन्होंने लिखा, “मेरा मणिपुर जल रहा है, कृपया मदद करें।” 

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इसके अलावा, सीबीआई ने एनआईए के एक निलंबित पुलिस अधीक्षक के परिसरों पर तलाशी ली है। अधिकारी के खिलाफ मणिपुर के व्यवसायियों से 60 लाख रुपये से अधिक की जबरन वसूली के मामले में हाल ही में मामला दर्ज किया गया था। सीबीआई ने एनआईए के एसपी विशाल गर्ग और इम्फाल में तैनात इंस्पेक्टर राजीव खान के खिलाफ मणिपुर के निवासियों को एनआईए के झूठे मामलों में फंसाने की ‘धमकी’ देकर कथित रूप से ‘बड़े पैमाने पर धन’ उगाही करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की थी। उन्होंने कहा कि एजेंसी ने हरियाणा के फरीदाबाद में गर्ग और मणिपुर के इम्फाल में खान के आवास सहित तीन स्थानों पर छापे मारे और आपत्तिजनक रिकॉर्ड जब्त किए। सीबीआई उन लोगों को भी नोटिस जारी करेगी, जिन्हें कथित तौर पर इन अधिकारियों को पैसे देने के लिए मजबूर किया गया था। हम आपको बता दें कि सीबीआई ने आतंकवाद-रोधी एजेंसी एनआईए के एक संदर्भ के बाद मामले की जांच अपने हाथ में ले ली थी। एनआईए ने इन अधिकारियों के खिलाफ आंतरिक जांच की थी और पाया था कि खान कथित रूप से गर्ग की ओर से धन उगाही कर रहे थे।
असम
इसके अलावा असम से आई खबरों की बात करें तो आपको बता दें कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा है कि भारत दुनिया का सबसे जीवंत लोकतंत्र है और किसी को इसकी छवि खराब करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। धनखड़ ने डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय के 21वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ लोग यह झूठी बात फैलाकर देश के बाहर उसकी लोकतांत्रिक छवि को धूमिल करने की कोशिश कर रहे हैं कि भारत में लोगों को उनके अधिकार प्राप्त नहीं हैं। उन्होंने किसी का नाम लिये बिना कहा, ‘‘जब सब कुछ ठीक चल रहा है, तो किसी को हमारे लोकतंत्र को बदनाम क्यों करना चाहिए? देश के बाहर और अंदर यह बात क्यों करनी चाहिए कि हमारे लोकतांत्रिक मूल्य नहीं हैं? मैं पूरे विश्वास से और बिना किसी डर के दावा करता हूं कि भारत आज धरती पर सबसे जीवंत लोकतंत्र है।’’ उपराष्ट्रपति ने छात्रों, युवाओं, बुद्धिजीवियों और मीडिया से ‘देश के राजदूत’ के रूप में काम करने की अपील की।
इसके अलावा, असम के तामुलपुर में दर्रांग फील्ड फायरिंग रेंज में हुए एक विस्फोट में सेना के एक जवान की मौत हो गयी। एक रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि क्राफ्ट्समैन संदीप कुमार सोमवार को ड्यूटी के दौरान रेंज में हुए विस्फोट में घायल हो गए थे। उन्होंने बताया, ‘‘संदीप कुमार विस्फोट के कारण गंभीर रूप से घायल हो गए थे और उन्हें रेजीमेंट के एक चिकित्सा अधिकारी ने घटनास्थल पर तत्काल चिकित्सा सहायता उपलब्ध करायी। उन्हें हवाई मार्ग से गुवाहाटी में सैन्य अस्पताल ले जाया गया जहां उसी दिन बाद में उपचार के दौरान उनकी मौत हो गयी।’’ उन्होंने बताया कि घटना की वजह का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दिए गए हैं। संदीप कुमार हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले से थे और उनके परिवार में पत्नी तथा एक साल का बेटा है।
इसके अलावा, असम के सोनितपुर जिले के कुछ गांवों में इस सप्ताह ऐसे पोस्टर मिले, जिनमें इनके पड़ोसी अरुणाचल प्रदेश का हिस्सा होने का दावा किया गया है। दोनों राज्यों के बीच लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद को सुलझाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के कुछ दिनों बाद यह घटना हुई है। अधिकारियों ने कहा कि सफेद कागज पर छपे पोस्टर के नीचे ‘एबीपीएफ’ लिखा हुआ था। इस संगठन का नाम पहली बार सामने आया है। उन्होंने कहा कि ये पोस्टर जिले के हेलेम उप-संभाग के दफलागढ़, नॉर्थ करीबिल, नलिनीबाड़ी और मंगलबाड़ी में पाए गए, जो अंतरराज्यीय सीमा के 10 किलोमीटर के दायरे में स्थित हैं। उन्होंने कहा कि उप-संभागीय अधिकारी लुकुमोनी बोरा ने हेलेम पुलिस की टीम के साथ क्षेत्रों का दौरा किया और इन पोस्टर को जब्त कर लिया।
इसके अलावा, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिश्व शर्मा ने कहा है कि राज्य पुलिस के करीब 300 अधिकारियों को ‘शराब की लत’ की वजह से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) की पेशकश की जाएगी। हिमंत बिश्व शर्मा ने कहा कि इसकी प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी गई है और इनके स्थान पर नयी भर्तियां की जायेंगी। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘करीब 300 अधिकारी और जवान शराब के आदी हैं और नशे की वजह से उनके शरीर को काफी नुकसान हुआ है। सरकार के पास उनके लिए वीआरएस का प्रावधान है।’’
अरुणाचल प्रदेश
अरुणाचल प्रदेश से आई खबरों की बात करें तो आपको बता दें कि संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने अरुणाचल प्रदेश में ग्रुप ‘ए’ और ‘बी’ के पदों के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित करने का राज्य सरकार का अनुरोध खारिज कर दिया है। राज्य सरकार ने यूपीएससी से अरुणाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग (एपीपीएससी) के पुनर्गठन और कार्यात्मक होने तक ग्रुप ‘ए’ और ‘बी’ के खाली पदों के लिए राज्य की भर्ती नीति के अनुरूप परीक्षा आयोजित करने का अनुरोध किया था। राज्य सरकार के अनुरोध का जवाब देते हुए यूपीएससी ने हाल ही में राज्य के मुख्य सचिव को एक पत्र लिखकर कहा है कि नियमों के मुताबकि “जब राज्य में एक विधिवत गठित लोक सेवा आयोग काम कर रहा हो तो ऐसा करने (यूपीएससी द्वारा परीक्षा आयोजित करने) की अनुमति नहीं है।”
इसके अलावा, एयरटेल के सरकारी वित्तपोषण वाले 4जी टावर ने पिछले सप्ताह अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अंतिम गांवों में से एक लुंपो में सेवाएं शुरू कर दी हैं। इससे स्थानीय लोगों के लिए अत्याधुनिक डिजिटल अर्थव्यवस्था सुलभ हो गई है। हम आपको बता दें कि तवांग और राज्य की राजधानी ईटानगर के बीच स्थित जिले बोम्डिला से 38 किलोमीटर दूर दिरंग में एयरटेल की प्रतिद्वंद्वी रिलायंस जियो पहले से ही मौजूद है।
इसके अलावा, अरुणाचल प्रदेश का नामसाई जिला आगामी नौ जून से चार दिवसीय सिविल 20 (सी-20) शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। इस सम्मेलन में दुनिया भर के 150 प्रतिनिधियों के भाग लेने की उम्मीद है। अधिकारियों ने बताया कि सी-20, जी-20 के आधिकारिक समूहों में से एक है। उन्होंने कहा कि यह नागरिक समाज संगठनों (सीएसओ) को लोगों की आकांक्षाओं को आवाज देने के लिए एक मंच प्रदान करता है।
इसके अलावा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अरुणाचल प्रदेश के विभिन्न जिलों में नि:शुल्क पुस्तकालय केन्द्र स्थापित करने के लिए एक शिक्षण संस्थान की सराहना की है। दरअसल, न्गुरांग शिक्षण संस्थान ने पूर्वोत्तर राज्य के विभिन्न जिलों में सड़क के किनारे पुस्तकालय स्थापित किए हैं। केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री किरण रीजीजू के एक ट्वीट का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने इसे ‘प्रशंसनीय प्रयास’ करार दिया।
त्रिपुरा
त्रिपुरा से आई खबरों की बात करें तो आपको बता दें कि राज्य में भाजपा की राज्य इकाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार के नौ साल पूरे होने के मौके पर केंद्र सरकार के कल्याणकारी कार्यक्रमों को रेखांकित करते हुए पूरे राज्य में एक महीने तक जनसंपर्क कार्यक्रम चलाएगी। भाजपा की उपाध्यक्ष रेवती त्रिपुरा ने कहा कि अगले साल लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए पार्टी 15 मई से कार्यक्रम का आयोजन कर संगठन को मजबूती प्रदान करना चाहती है। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में मुख्यमंत्री माणिक साहा सहित अन्य मंत्री और विभिन्न स्तरों पर पार्टी के नेता शामिल होंगे।
इसके अलावा, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा है कि उनकी सरकार उच्च शिक्षा में अवसर बढ़ाने पर काम कर रही है, ताकि छात्रों को उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए राज्य से बाहर जाने की जरूरत न पड़े। उन्होंने शिक्षा की गुणवत्ता पर भी जोर दिया और छात्रों से पढ़ाई में आगे रहने तथा चर्चा-परिचर्चा व अन्य सह पाठ्यक्रम गतिविधियों में भाग लेने का अनुरोध किया।
नगालैंड
नगालैंड से आई खबर की बात करें तो आपको बता दें कि असम राइफल्स ने एनएससीएन-आईएम के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया और नगालैंड के दीमापुर जिले में उग्रवादी संगठन के सदस्यों द्वारा अगवा किए गए छह लोगों को छुड़ाया है। एक अधिकारी ने बताया कि एक स्कूल के प्रधानाध्यापक सहित छह लोगों को एनएससीएन-आईएम के उग्रवादियों ने 13 से 27 अप्रैल के बीच अगवा कर लिया था, जिन्हें बमनपुखरी इलाके के एक घर में रखा गया था। अधिकारी ने बताया कि अपहृत लोगों के परिवार के सदस्यों से फिरौती मांगी जा रही थी। जनसंपर्क अधिकारी (रक्षा), कोहिमा द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘बृहस्पतिवार मध्यरात्रि के आसपास शुरू किए गए एक अभियान में असम राइफल्स ने अगवा किए गए छह लोगों को बचा लिया गया।’’
मिजोरम
मिजोरम से आई खबरों की बात करें तो आपको बता दें कि असम रायफल्स, मिजोरम में भारत और म्यांमा सीमा के 510 किलोमीटर लंबे हिस्से पर चौकसी बढ़ायेगा ताकि पड़ोसी देश से अवैध प्रवासियों को देश में घुसने से रोका जा सके। असम रायफल्स ने म्यामां में सैन्य तख्तापलट के बाद वहां के लोगों द्वारा मिजोरम में शरण लेने के बाद “हत्या के मामलों सहित अपराध की घटनाओं की बढ़ती संख्या” पर भी चिंता व्यक्त की। असम रायफल्स के एक अधिकारी ने कहा, “हम अवैध घुसपैठ को रोकने के लिए भारत-म्यांमा सीमा पर अधिकतर क्रॉसिंग बंद कर देंगे। अवैध घुसपैठ मिजोरम में कानून और व्यवस्था की स्थिति को बाधित कर रही है।” उन्होंने कहा कि बांग्लादेश और म्यांमा, दोनों देशों के कई शरणार्थियों या अवैध प्रवासियों ने नकली भारतीय पहचान पत्र हासिल किए हैं। हम आपको बता दें कि मिजोरम, बांग्लादेश के साथ 318 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है।
इसके अलावा, मिजोरम कांग्रेस ने कहा है कि पार्टी की राज्य इकाई के कोषाध्यक्ष पद से वरिष्ठ विधायक जोडिंटलुआंगा राल्ते का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है। हालांकि, वर्ष 2003 से चार बार विधायक रहे 60 वर्षीय राल्ते ने यह साफ कर दिया कि वह कांग्रेस में बने रहेंगे। हम आपको बता दें कि कांग्रेस विधायक दल के नेता राल्ते ने कोषाध्यक्ष पद से गत 21 अप्रैल को यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया था कि वह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष लालसावता की कार्यप्रणाली से असंतुष्ट हैं।
मेघालय
मेघालय से आई खबरों की बात करें तो आपको बता दें कि राज्य की ‘वॉइस ऑफ द पीपुल्स पार्टी’ (वीपीपी) को राज्य की पार्टी का दर्जा मिल गया है। राज्य विधानसभा में पार्टी के विधायकों की संख्या चार है। निर्वाचन आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हाल ही में संपन्न राज्य विधानसभा चुनाव में वीपीपी के प्रदर्शन की समीक्षा करते हुए उसे यह मान्यता दी गई।
इसके अलावा, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा ने कहा है कि सत्तारुढ़ गठबंधन साझेदार पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट (पीडीएफ) का छह मई को नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के साथ विलय हो जाएगा। हम आपको बता दें कि मेघालय की 60 सदस्यीय विधानसभा में पीडीएफ के दो विधायक हैं। विलय के बाद एनपीपी के विधायकों की संख्या बढ़कर 28 हो जाएगी।

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