अमरावती। निर्वाचन आयोग ने बृहस्पतिवार को चुनाव की अधिसूचना जारी की जिसके बाद अब आंध्रप्रदेश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी। आंध्र प्रदेश की 25 लोकसभा और 175 विधानसभा सीट के लिए उम्मीदवारों के नामांकन पत्र 18 अप्रैल से 25 अप्रैल तक सुबह 11 बजे और दोपहर तीन बजे के बीच स्वीकार किए जाएंगे। मुख्य निर्वाचन अधिकारी मुकेश कुमार मीणा के मुताबिक, 26 अप्रैल को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी और 29 अप्रैल तक उम्मीदवार अपना नाम वापिस ले सकते हैं। राज्य में 13 मई को मतदान होगा।
युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) प्रमुख और मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी (पुलिवेंदुला),तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) सुप्रीमो एन चंद्रबाबू नायडू (कुप्पम), उनके बेटे नारा लोकेश (मंगलागिरि) और जनसेना के संस्थापक और अभिनेता पवन कल्याण (पिथापुरम) विधानसभा चुनाव लड़ने वाले प्रमुख उम्मीदवार होंगे। प्रदेश भाजपा प्रमुख डी. पुरंदेश्वरी (राजमुंदरी), प्रदेश कांग्रेस (एपीसीसी) अध्यक्ष और जगन की बहन वाई एस शर्मिला (कडप्पा) लोकसभा चुनाव लड़ने वाली प्रमुख उम्मीदवार होंगी। वाईएसआरसीपी अकेले अपने बलबूत चुनाव लड़ रही है जबकि तेदेपा, जनसेना और भाजपा राजग का हिस्सा हैं।
कांग्रेस ने कहा कि वह राज्य में विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन के सहयोगियों– भाकपा और माकपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि लोकसभा चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को 25,000 रुपये और विधानसभा चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को 10,000 रुपये जमानत राशि के रूप में जमा करने होंगे, जो एससी/एसटी प्रत्याशियों के मामले में आधा है। मीणा ने बताया कि पूरी नामांकन प्रक्रिया को रिकॉर्ड करने के लिए निर्वाचन आयोग ने नामांकन दाखिल किये जाने वाले कार्यालय से लेकर वहां तक पहुंचने वाले पूरे रास्ते पर सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं।
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निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि आदर्श आचार संहिता के तहत निर्वाचन आयोग नामांकन दाखिल करने के लिए जुलूस लेकर आने वाले उम्मीदवारों की भी रिकॉर्डिंग करेगा। आंध्र प्रदेश में इस समय सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियां जोर-शोर से चुनाव-प्रचार अभियान कर रही हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में वाईएसआरसीपी ने 22 सीट जीतीं जबकि तेदेपा को तीन सीट मिलीं। उसी वर्ष हुए विधानसभा चुनाव में वाईएसआर कांग्रेस 151 सीट जीतकर विजयी हुई थी, जबकि तेदेपा को केवल 23 और जनसेना को एक सीट मिली थी।